चीन पर फिर शक, अब समंदर के अंदर करने लगा खुराफात, ताइवान ने रंगे हाथ पकड़ा

Taiwan-China Conflict: ताइवान और चीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. ताइवान के पास स्थित किनमेन द्वीप (Kinmen Island) और मुख्यभूमि ताइवान को जोड़ने वाली समुद्र के नीचे बिछी इंटरनेट केबल (अंडरसी केबल) अचानक टूट गई. इस घटना के बाद ताइवान की कोस्ट गार्ड ने चीन से जुड़े एक मालवाहक जहाज ‘होंग ताई’ को रोक लिया. उसके सभी क्रू मेंबर्स को हिरासत में ले लिया. इस जहाज पर केवल चीनी नागरिक ही मौजूद थे. ताइवान इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा मानकर जांच कर रहा है.
मंगलवार को ताइवान की कोस्ट गार्ड ने जानकारी दी कि उसने होंग ताई 58 नाम के जहाज को पकड़ा है. जो समुद्र के नीचे बिछी ‘ताइवान-पेंघु नंबर 3 केबल’ के पास लंगर डाले हुआ था. इसी दौरान यह केबल क्षतिग्रस्त हो गई जिससे यह संदेह गहरा गया कि जहाज की गतिविधियों का इस घटना से कोई संबंध हो सकता है. यह जहाज टोगो (Togo) के झंडे के नीचे चल रहा था. लेकिन असल में यह चीन से जुड़ा हुआ था. ‘फ्लैग ऑफ कन्वीनिएंस’ नाम की इस व्यवस्था के तहत कई जहाज कानूनी औपचारिकताओं से बचने के लिए किसी और देश में रजिस्टर कराए जाते हैं.
ताइवान लंबे समय से चीन की ‘ग्रे-जोन टैक्टिक्स’ (Grey-Zone Tactics) का सामना कर रहा है. इसका मतलब है कि चीन सीधे तौर पर हमला किए बिना लेकिन दबाव बढ़ाने के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनाता है. चीन की ओर से ताइवान के आसपास गुब्बारे भेजने, रेत खनन (Sand Dredging) करने और निगरानी करने जैसी गतिविधियां पहले भी होती रही हैं. लेकिन अब समुद्री संचार केबल को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं बढ़ रही हैं. जिससे ताइवान की चिंता और बढ़ गई है.
यह पहली बार नहीं है जब ताइवान के समुद्री केबल्स को नुकसान पहुंचा है. इस साल अब तक 5 घटनाएं हो चुकी हैं. जबकि 2023 और 2024 में तीन-तीन घटनाएं हुई थीं. पिछले साल मात्सू द्वीप (Matsu Islands) से जुड़ी दो समुद्री केबल्स कट गई थीं जिससे इंटरनेट सेवा ठप हो गई थी. ताइवान ने इस घटना के लिए दो चीनी जहाजों को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि चीन सरकार के सीधे तौर पर शामिल होने के सबूत नहीं मिले थे.
ताइवान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने इस घटना को सामान्य से अलग करार दिया. उन्होंने बताया कि यह जहाज शनिवार से ही ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी पानी में घूम रहा था और कोस्ट गार्ड के बार-बार कॉल करने के बावजूद कोई जवाब नहीं दे रहा था. चीन की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं, ताइवान सरकार इसे एक राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में देख रही है और इसकी गहराई से जांच की जा रही है.
ताइवान एक ऐसा द्वीप है जो समुद्र के नीचे बिछी केबल्स के जरिए दुनिया से जुड़ा हुआ है. अगर ये संचार केबल्स क्षतिग्रस्त होती हैं तो इंटरनेट और अन्य संचार सेवाओं पर बड़ा असर पड़ सकता है. यही कारण है कि ताइवान अब नौसेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर समुद्री संचार लाइनों की सुरक्षा बढ़ाने में जुटा है. डिजिटल मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल ताइवान से जुड़े अन्य केबल्स की मदद से सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. लेकिन बार-बार हो रही इन घटनाओं ने ताइवान की साइबर और समुद्री सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है.