मोदी सरकार के इस चाल से चिढ़ेगा चीन! बजट में ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ पर बड़ा दांव!
मोदी सरकार ने बजट 2025-26 में ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ को मजबूती से आगे बढ़ाते हुए पड़ोसी देशों के लिए बड़ा ऐलान किया है. इस नीति के तहत भूटान को सबसे अधिक 2,150 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है, जबकि नेपाल को 700 करोड़ रुपये और मालदीव को 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
भारत की इस दरियादिली से जहां पड़ोसी देशों के साथ संबंध और मजबूत होंगे. वहीं, लंबे समय से दक्षिण एशिया में प्रभाव बढ़ाने की होड़ में लगे चीन के लिए यह किसी कूटनीतिक झटके से कम नहीं है.
विदेश मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान 22,154 करोड़ रुपये और संशोधित अनुमान 25,277 करोड़ रुपये के मुकाबले कुल 20,516 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.
वर्ष 2024-25 की तरह, चाबहार बंदरगाह परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है. ऊर्जा समृद्ध ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह को भारत और ईरान द्वारा संपर्क और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है.
2025-26 के लिए कुल विदेशी विकास भागीदारी पोर्टफोलियो 6,750 करोड़ रुपये आंका गया है, जो विदेश मंत्रालय को किए गए आवंटन का लगभग 33 प्रतिशत है. विदेशी विकास सहायता के लिए परिव्यय चालू वित्त वर्ष के 5,667 करोड़ रुपये के आवंटन से लगभग 20 प्रतिशत अधिक है. दिलचस्प बात यह है कि विदेशी विकास भागीदारी पोर्टफोलियो के तहत कुल आवंटन में से 4,320 करोड़ रुपये (64 प्रतिशत) सन्निकट पड़ोसी देशों के लिए निर्धारित किए गए हैं.
अधिकारियों के अनुसार, यह राशि बड़े पैमाने पर जलविद्युत संयंत्रों, बिजली पारेषण लाइनों, आवास, सड़कों, पुलों, एकीकृत जांच चौकियों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लेकर छोटे पैमाने पर जमीनी स्तर की सामुदायिक विकास परियोजनाओं के साथ-साथ प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों तक विभिन्न पहलों के कार्यान्वयन पर खर्च की जाएगी. वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, भूटान को 2,543 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी. अफगानिस्तान के लोगों के साथ भारत के विशेष संबंधों को जारी रखते हुए, उस देश को 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. 2024-25 के बजट अनुमान चरण में अफगानिस्तान को आवंटन 200 करोड़ रुपये था. लेकिन संशोधित अनुमानों में यह आंकड़ा 50 करोड़ रुपये है.