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मुजफ्फरनगर का बदलेगा नाम! महाभारत काल के शहर का इतिहास बदलने की तैयारी, विधानसभा में गूंजा मामला!

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जिले के नाम बदलने की चर्चा जोरों पर है.मोहित बेनीवाल ने विधान परिषद के बजट सत्र की कार्रवाई में महाभारत काल से जुड़ें जनपद मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर करने की मांग की है. विधान परिषद सदस्य और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने सदन में कहा कि हमारी परम्पराओं के प्रति सम्मान हेतु हमारी भूमि, नगरों के नाम भी सभ्यता, परंपरा के अनुरूप होना चाहिए.

विधान परिषद में मुजफ्फरनगर से एमएलसी मोहित बेनीवाल ने कहा कि मुजफ्फरनगर का नाम लक्ष्मीनगर रखा जाना चाहिए. बजट सत्र की कार्यवाही में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर कोई साधारण भूमि नहीं है, महाभारत काल से जुड़े हुए इसी जनपद के शुक्रताल में राजा परीक्षित ने ऋषि शुकदेव से भागवत पुराण का ज्ञान प्राप्त किया था. उन्होंने कहा कि क्या यह उचित है कि यह पवित्र स्थान, एक मुगल शासक मुजफ्फर अली के नाम से जाना जाए. यह क्षेत्र कृषि, व्यापार और आर्थिक सम्पन्नता के साथ गुड़ की मिठास का भी केंद्र है, “लक्ष्मीनगर” नाम क्षेत्र की आर्थिक प्रगति का प्रतीक बनेगा. उन्होंने यह नाम गंगा के निर्मल प्रवाह जैसा परिवर्तनकारी होगा जो हमारी सभ्यता और सांस्कृतिक गौरव को पुनः स्थापित करते हुए, इस क्षेत्र की पहचान को दिशा देगा.

मुज़फ़्फ़रनगर शहर का पुराना नाम सरवट था. मुगल बादशाह शाहजहां ने 1633 में सरवट को अपने सरदार सैयद मुज़फ़्फ़र खान को जागीर के तौर पर दिया था. इसके बाद, उनके बेटे मुनव्वर लश्कर खान ने इस शहर का नाम अपने पिता के नाम पर रख दिया था

मुज़फ़्फ़रनगर, उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले का मुख्यालय है.यह शहर काली नदी के किनारे बसा है. यह शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है.यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से जुड़ा हुआ है. यह शहर बिजनौर, मेरठ, और हस्तिनापुर जैसे ऐतिहासिक शहरों के पास है. मुज़फ़्फ़रनगर हर गुड़ व्यापार का एक अहम केंद्र है. यहां की मूल भाषा खड़ी बोली है, जो हरियाणवी बोली से मिलती-जुलती है.

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