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हिंदी भाषा के संरक्षण और विकास में हिंदी कवियों और साहित्यकारों का अहम योगदान!

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हिंदी भाषा प्रदेश के कोने-कोने में विभिन्न बोलियों के रूप में बोली जाती है। प्रदेश के बाहर भी मध्यप्रदेश के निवासियों द्वारा सरलता और परिष्कृत उच्चारण के साथ हिंदी बोली जाती है। हिंदी भाषा का पर्याप्त विकास मध्यप्रदेश में हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कुक्कुट भवन में हिंद युग्म उत्सव के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हिंदी भाषा के संरक्षण और विकास में हिंदी भाषा के साहित्यकारों और कवियों का अहम योगदान हैं। उन्होंने कवि प्रदीप, पद्म भूषण शिवमंगल सिंह सुमन, हजारी प्रसाद द्विवेदी और पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के हिंदी भाषा में योगदान को स्मरण कर उन्हें नमन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में सर्वप्रथम हिंदी में संबोधित कर सारी दुनिया को हिंदी की ताकत से अवगत कराया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हिंदी भाषी कवियों और साहित्यकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय न सिर्फ अपने साहित्य से स्वतंत्रता की भावना को लोगों के मन में जिंदा रखा बल्कि विदेशी भाषाओं से हिंदी भाषा का संरक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हिंद युग्म उत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी और रवीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी द्वारा हिंदी भाषा के संरक्षण, विकास और योगदान के महत्व को दर्शित करते हुए हिंद युग्म उत्सव के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो. श्री गौरव तिवारी सहित बड़ी संख्या में हिंदी भाषी कवि और साहित्यकार उपस्थित रहें।

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