झारखंड विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे पूर्व सीएम मधु कोड़ा!
झारखंड- झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने कोयला घोटाला मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया था ताकि वह आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ सकें. जनप्रतिनिधि कानून के तहत चुनाव लड़ने के लिए सजा पर रोक जरूरी है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के 18 अक्टूबर के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था. उनकी यह दोषसिद्धि 2017 में हुई थी.
कोड़ा ने झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दिसंबर 2017 के दोषसिद्धि आदेश को निलंबित करने का अनुरोध किया था. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने और कम से कम दो साल की जेल की सजा पाने वाले व्यक्ति को तुरंत सांसद, विधायक या राज्य विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. जेल से रिहा होने के बाद भी व्यक्ति छह साल तक अयोग्य बना रहता है.
लोअर कोर्ट ने सुनाई थी तीन साल की सजा– निचली अदालत ने पूर्व सीएम कोड़ा और पूर्व कोयला सचिव समेत उनके कई सहयोगियों को कोयला घोटाले में दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी. इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए टिप्पणी किया था कि याचिकाकर्ता केवल चुनाव लड़ने के उद्देश्य से फैसले पर रोक लगाना चाहता है, जो उचित नहीं है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया मधु कोड़ा के दोषी प्रतीत होने की बात कही थी और निर्णय पर रोक लगाने का कोई ठोस आधार नहीं माना था.
तेरह दिसंबर, 2017 को कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु और कोड़ा के करीबी सहयोगी विजय जोशी को राज्य में राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक को कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में कथित भ्रष्ट आचरण और आपराधिक साजिश के लिए एक निचली अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनायी थी.
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन काल के कोयला घोटाले में वीआईएसयूएल, कोड़ा और गुप्ता पर क्रमश: 50 लाख, 25 लाख और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. बसु पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. हालांकि, दोषियों को उनकी अपील लंबित रहने के दौरान जमानत दे दी गई थी! 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए मतदान दो चरणों में क्रमशः 13 नवंबर और 20 नवंबर को होगा!