JEE Main 2025: क्या मुझे NIT और IIT के लिए अलग से तैयारी करने की जरूरत है?
IIT JEE Advanecd NIT Admission: एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) में एडमिशन के लिए अच्छी तैयारी की जरूरत होती है क्योंकि दोनों ही प्रमुख संस्थान हैं और एजुकेशन के हाई स्टेंडर्ड की जरूरत होती है. हालांकि, उनकी प्रवेश प्रक्रिया और प्रवेश परीक्षाओं के प्रति अप्रोच कई मायनों में काफी अलग है, जो एक स्टूडेंट की तैयारी की स्ट्रेटजी को प्रभावित करता है.
एनआईटी में: एडमिशन केवल जेईई मेन के आधार पर होता है जो उम्मीदवार के फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स के नॉलेज को मापता है. इसमें एक्युरेसी, टाइम मैनेजमेंट और बेसिक कॉन्सेप्ट पर जोर दिया जाता है.
जेईई मेन में योग्यता प्राप्त करने के बाद जेईई एडवांस्ड के गेटवे को पार करके एडमिशन मिलता है. जेईई एडवांस्ड में डिफिकल्टी का हाई लेवल होता है, साथ ही कंसेप्चुअल क्लियरिटी, नॉलेज के उपयोग और प्रॉबलम सॉल्विंग क्षमताओं पर ज्यादा जोर दिया जाता है.
इन दोनों परीक्षाओं के लिए मेन सिलेबस एक ही है, जो ज्यादातर कक्षा 11 और 12 पर बेस्ड है. हालांकि, जेईई एडवांस में कई भ्रमित करने वाले पेपर या मल्टि कॉन्सेप्ट वाले पेपर शामिल होते हैं जिनके लिए गहन विचार और कल्पना की जरूरत होती है.
कंसेप्चुअल क्लियरिटी: जेईई एडवांस्ड के लिए जेईई मेन की तुलना में कॉन्सेप्ट्स की गहरी समझ की जरूरत होती है. उदाहरण के लिए, फिजिक्स या ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में यांत्रिकी जैसे सब्जेक्ट के लिए एडवांस्ड लेवल की समझ की जरूरत होती है.
प्रॉबलम सॉल्विंग स्किल: जेईई मेन के विपरीत, जिसमें प्रॉबलम सॉल्विंग के लिए सीधे अटेंप्ट की जरूरत होती है, जेईई एडवांस्ड में जटिल रूप से जुड़ी समस्याओं को हल करने की जरूरत होती है.
एग्जाम पैटर्न: जेईई एडवांस्ड में मैट्रिक्स मैच, इंटीजर-टाइप आंसर और पैसेज-बेस्ड सवाल जैसे टाइप शामिल हैं, जो जेईई मेन में नहीं हैं. इन फॉर्मेट से खुद को इंट्रोड्यूज करें.
मॉक टेस्ट और टाइम मैनेजमेंट: जेईई एडवांस्ड अपने व्यापक पेपर के कारण पेसेंस और समय अलॉटमेंट का टेस्ट करता है. जेईई एडवांस्ड के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मॉक टेस्ट लेना जरूरी है.जो लोग एनआईटी में दाखिला चाहते हैं, उनके लिए जेईई मेन लेवल तक की तैयारी ही काफी है. जो लोग आईआईटी में दाखिला चाहते हैं, उन्हें जेईई मेन के अलावा एडवांस्ड लेवल की पढ़ाई पर भी ध्यान देना चाहिए.