व्‍यापार

GDP में गिरावट, बढ़ती महंगाई के बीच सरकार के CEA क्यों चाहते हैं!

कुछ द‍िन पहले आए जीडीपी के आंकड़ों के दो साल के न‍िचले स्‍तर पर जाने से सरकार के साथ आम लोगों की भी च‍िंता बढ़ गई है. इसके बाद दूसरी तिमाही में देश की GDP में गिरावट, बढ़ती महंगाई और शहरी खपत घटने के बीच वेज ग्रोथ पर फोकस हुआ है. देश के चीफ इकोनॉम‍िक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्‍वरन (V Anantha Nageswaran) ने बताया कि ल‍िस्‍टेड कंपनियां ज्‍यादा फायदा कमा रही हैं लेकिन वे कर्मचारियों को कम भुगतान कर रही हैं. नागेश्‍रन ने प्राइवेट कॉर्पोरेट सेक्‍टर को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को काम पर रखने और कैप‍िटल इनटेंस‍िव व लेबर इनटेंस‍िव के बीच बैलेंस बनाने के लिए कहा. उन्‍होंने कहा ल‍िस्‍टेड कंपनियों का प्रॉफ‍िट GDP के प्रतिशत के रूप में 2023-24 में 15 साल के हाई लेवल पर पहुंच गया है. लेक‍िन कंपन‍ियों के वेज कॉस्‍ट इंक्रीज रेट में ग‍िरावट आई है.

सीईए ने यह भी कहा, लॉन्‍ग टर्म ग्रोथ और कंज्‍मप्‍शन का सबसे अहम कारण एम्‍पलायमेंट इनकम ग्रोथ और खर्च करने की क्षमता में बढ़ावा करना है. वरना यह एक पारस्परिक रूप से स्व-विनाशकारी चक्र बन जाएगा. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार न‍िफ्टी 500 कंपनियों का प्रॉफ‍िट पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी का 4.8% तक पहुंच गया, जो 2007-08 के बूम वर्ष (ग्‍लोबल फाइनेंश‍ियल क्राइसेस से पहले) में 5.2% की वृद्धि के बाद सबसे ज्‍यादा है. सीईए ने माना क‍ि कंपनियों ने अपने फायदे का एक हिस्सा डिलीवरेजिंग के लिए यूज किया है और उनकी बैलेंस शीट मजबूत हो गई. लेकिन उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि अब उनके लिए कैप‍िटल फार्मेशन और एम्‍पलायमेंट ग्रोथ का समय है.

देश में पिछली तिमाही में महामारी के बाद पहली बार वेज (मजदूरी) में कमी आई है. ब्लूमबर्ग की र‍िपोर्ट के अनुसार इससे इकोनॉमी की तेज रफ्तार पर ब्रेक लगा है. दरअसल, उपभोक्ता खर्च और कॉर्पोरेट मुनाफे में गिरावट आ रही है. एलारा सिक्योरिटीज के आंकड़ों के अनुसार ल‍िस्‍टेड नॉन फाइनेंश‍ियल कंपनियों के लिए इंफलेशन एडजस्‍टेड एम्‍पलायमेंट कॉस्‍ट जुलाई से सितंबर के बीच एक साल पहले की तुलना में 0.5% घट गई है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के आंकड़ों से यह भी साफ होता है क‍ि मजदूरी वृद्धि में लगातार मंदी है और महंगाई बढ़ रही है. यह देश के शहरी मध्यम वर्ग के लिए फाइनेंश‍ियल स्‍ट्रेस की तरफ इशारा करती है.

Related Articles

Back to top button