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क्या EVM में एक बूथ पर डाल सकते हैं 1500 वोट? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से क्यों पूछा ये सवाल!
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम (EVM) को कई बार क्लीन चिट मिलने के बावजूद इस पर जांच जारी है. अब ईवीएम का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 से बढ़ाकर 1500 किए जाने के चुनाव आयोग (ECI) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा. कोर्ट ने चुनाव आयोग से तीन हफ्ते में पूरी प्रक्रिया को विस्तार से बताते हुए हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने निर्वाचन आयोग से अपना रुख स्पष्ट करते हुए यह बताने को कहा है कि क्या एक ईवीएम से एक बूथ पर 1500 वोट किए जा सकते हैं.
याचिकाकर्ता ने कहा कि निर्वाचन आयोग का फैसला महाराष्ट्र और झारखंड के बाद 2025 में बिहार और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करेगा. उसने कहा कि आम तौर पर मतदान 11 घंटे होता है और एक वोट डालने में लगभग 60 से 90 सेकंड का समय लगता है, इस लिहाज से एक ईवीएम के साथ एक मतदान केंद्र पर एक दिन में करीब 660 मतदाता अपना वोट डाल सकते हैं.
याचिकाकर्ता ने कहा कि औसत मतदान प्रतिशत को 65.70 फीसदी मानते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 1000 मतदाताओं के लिए तैयार एक मतदान केंद्र पर लगभग 650 लोग वोट डालने के लिए पहुंचते हैं. उसने कहा कि ऐसे भी कई केंद्र हैं, जहां 85 से 90 फीसदी मतदान दर्ज किया जाता है. याचिकाकर्ता ने दलील दी, ‘ऐसी स्थिति में लगभग 20 फीसदी मतदाता या तो मतदान के समय के बाद भी कतार में खड़े रहेंगे या लंबी प्रतीक्षा अवधि के कारण मताधिकार का इस्तेमाल करना छोड़ देंगे. एक प्रगतिशील गणतंत्र या लोकतंत्र में इनमें से कुछ भी स्वीकार्य नहीं है.’