लिवर ट्यूमर बीमारी कितनी खतरनाक? शुरुआती संकेत और क्या है इलाज?

टीवी की क्वीन दीपिका कक्कड़ हमेशा ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रहती हैं। हालांकि, उन्हें सोशल मीडिया की जरूरत नहीं है। वह पहले से ही काफी फेमस और बेहतरीन एक्ट्रेस रही हैं। उन्होंने ससुराल सिमर का सीरियल में अहम किरदार निभाया था। दीपिका ने अपने को-एक्टर शोएब इब्राहिम से शादी के बाद एक्टिंग से दूरी बना ली है। दीपिका कक्कड़ को हाल ही में पता चला कि उन्हें लिवर ट्यूमर है। इस बारे में शोएब ने अपने वीडियो ब्लॉग के जरिए बताया है।
दीपिका ने हाल ही में सेलिब्रिटी मास्टरशेफ इंडिया के पहले सीजन के जरिए पांच साल के अंतराल के बाद टेलीविजन पर वापसी की थी। कंधे की चोट के कारण उन्होंने शो से दूरी बनाई थी। अब यह खबर सुनकर उनके फैंस भी चिंतित हो गए हैं।
इन सबके बीच एक राहत की खबर है कि दीपिका को जो लिवर ट्यूमर हुआ है, वह कैंसर नहीं है। उन्हें टेनिस बॉल के साइज जितना ट्यूमर है, जो सर्जरी की मदद से निकाला जाएगा। अगर यह कैंसर होता तो स्थिति अत्यंत गंभीर होती। आइए जानते हैं दीपिका कक्कड़ को हुई लिवर ट्यूमर कितनी गंभीर बीमारी है और इसके शुरुआती संकेत और बचाव।
लिवर ट्यूमर, जिसे लिवर में गांठ या वृद्धि भी कहा जाता है, ये दो प्रकार के हो सकते हैं- सौम्य और कैंसरयुक्त। अगर यह ट्यूमर कैंसरयुक्त है, तो इसे लिवर कैंसर कहते हैं, जो काफी गंभीर और जानलेवा हो सकता है। दीपिका को गैर-कैंसर लिवर ट्यूमर हुआ है। यह तब होता है जब लिवर की सेल्स तेजी से बढ़ने लगती हैं। कुछ लिवर ट्यूमर हल्के होते हैं और आमतौर पर खतरनाक नहीं होते हैं।
नारायणा हेल्थ केयर, हावड़ा के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज कुमार सोनार बताते हैं कि लिवर में कैंसर है या नहीं, इस बारे में पता लगाने के लिए आपको ब्लड टेस्ट करवाना होता है। अगर टेस्टिंग के बाद पुष्टि हो जाती है, तो सर्जरी के माध्यम से आपका ट्यूमर हटा दिया जाता है। अगर पेट में गांठ महसूस होती है, तो अपनी जांच जरूर करवाएं। कुछ जरूरी टेस्ट इस प्रकार हैं:
- ब्लड टेस्ट करवाएं।
- अल्ट्रासाउंड करवाएं।
- एलएफटी टेस्ट करवाएं।
- सीटी स्कैन और एमआरआई भी करवा सकते हैं।
- बायोप्सी टेस्ट भी लिवर के स्वास्थ्य के बारे में बताएगा।
- डॉक्टरों ने दीपिका को सर्जरी करवाने की सलाह दी है। यदि ट्यूमर का आकार छोटा है, तो यह सर्जरी के जरिए निकाला जा सकता है। अगर ट्यूमर कैंसर से बना है, तो रेडिएशन और कीमोथेरेपी की मदद ली जाती है।