डेटा साइंस और डेटा एनालिटिक्स, इन दोनों ट्रेंडिंग कोर्स में क्या है अंतर? यहां जानिए सबकुछ!
Data Science Vs Analytics: हर साल दुनिया भर के करोड़ों स्टूडेंट्स 12वीं पास करके इंजीनियरिंग करते हैं. बीते कुछ समय में डेटा साइंस और डेटा एनालिटिक्स जैसे कोर्स ट्रेंड में हैं. आज हम आपको इन दोनों में बड़े अंतर बता रहे हैं.
इंजीनियरिंग हमेशा से ही युवाओं का पसंदीदा कोर्स रहा है. हालांकि, समय के हिसाब से इसकी ब्रांचेस और सिलेबस में बदलाव होते रहते हैं. इस समय डेटा साइंस और डेटा एनालिटिक्स जैसे कोर्स बेहद पॉपुलर हैं. बीते कुछ सालों से ये ट्रेंड में बने हुए हैं और इन कोर्सेस की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. डेटा साइंस और डेटा एनालिटिक्स ये दोनों ही इंजीनियरिंग फील्ड के दो अलग-अलग कोर्स हैं, जिनका सिलेबस, करियर ग्रोथ और जॉब ऑप्शंस में फर्क होता है.
अगर आप ट्रेंड के मुताबिक इंजीनियरिंग कोर्स करना चाहते हैं तो इन दोनों में से किसी को भी चुन सकते हैं. हालांकि, इन दोनों में कुछ अंतर हैं, जिन्हें लेकर ज्यादातर स्टूडेंट्स कंफ्यूज्ड रहते हैं. ऐसे में आज हम जानेंगे डेटा साइंस और डेटा एनालिटिक्स में क्या अंतर हैं
डेटा साइंस एक बहुत ही बड़ी फील्ड है, जिसमें डेटा कलेक्शन और उसके एनालिसिस के लिए कई तरह की टेक्निक्स और तरीके यूज किए जाते हैं. डेटा साइंस इंजीनियरिंग में मशीन लर्निंग, एआई और डेटा विजुअलाइजेशन जैसी टेक्निक्स बहुत यूजफुल हैं, जिसका मकसद डेटा से नए कंक्लूजन निकालना और प्रीडिक्ट करनाहै. यहां पर डेटा कलेक्शन प्रोसेसिंग और एनालिसिस के लिए कई तरह के टूल्स और टेक्निक्स के बारे में पढ़ते और उनका इस्तेमाल करना सीखते हैं.
डेटा एनालिटिक्स इंजीनियरिंग एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें डेटा को एनालाइज करना सिखाया जाता है. डेटा एनालिसिस के लिए स्टैटिस्टिक्स, डेटा मॉडलिंग और डेटा विजुअलाइजेशन जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे होता है, ये इसके सिलेबस में शामिल होता है. डेटा एनालिटिक्स में विभिन्न टूल्स और टेक्निक्स जैसे कि एक्सेल, एसक्यूएल और टेबलो का इस्तेमाल होता है.