अचानक फटी अंटार्कटिका की धरती, दिख गया इतना बड़ा छेद; 40 साल बाद हुआ ऐसा!

Antarctica: नासा के वैज्ञानिकों ने कुछ साल पहले अंटार्कटिका की सर्दियों की समुद्री बर्फ ( Winter Sea Ice ) में एक बड़ा छेद देखा था, तब वैज्ञानिकों को यकीन नहीं हुआ कि वे क्या देख रहे हैं. यह छेद कई महीनों तक बना रहा और एक साल बाद स्विटजरलैंड के साइज का हो गया. हालांकि, यह छेद मौड राइज( Maude Rise ) नाम के एक डूबे हुए पठार ( Plateau ) के ऊपर कोस्टलाइन से सैकड़ों मील दूर मौजूद था. छेद बंद होने के बाद साइंटिस्ट ने इसका स्टडी करने का फैसला किया. साइंटिस्ट ने स्टडी से हैरान करने वाला खुलासा किया. उन्होंने पाया कि 4,600 फुट ऊंचे समुद्री पर्वत ने इसे बनाने में मदद की, जिसे पोलिन्या भी कहा जाता है.
1970 के दशक में जब रिमोट-सेंसिंग सैटेलाइट्स को पहली बार लॉन्च किया गया था, तो उन्होंने माउड राइज़ पोलिन्या को देखा था. 1974 से 1976 तक यह एक रेगुलर फिचर बन गई और साइंटिस्ट ने सोचा कि यह हर साल विकसित होगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिर एक दिन सभी को हैरान करते हुए 2017 में अंटार्कटिक बर्फ की चादर में छेद फिर से दिखाई दिया.
यह स्टडी साइंस एडवांसेज में प्रकाशित हुआ था. स्टडी के मुख्य लेखक, साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के आदित्य नारायणन कहते हैं, ‘1970 के दशक के बाद से 2017 में पहली बार वेडेल सागर में इतना बड़ा और लंबे वक्त तक रहने वाला पोलिन्या देखा गया.
उन्होंने स्टडी में पाया कि वेडेल गाइर, वेडेल सागर में मौजूद एक गाइर है, जो क्लोकवाइज में घूमता है और बाद में तेज़ गति से घूमने लगा. जिसकी वजह से गर्म, नमकीन पानी की एक गहरी परत सतह के करीब आ गई और नीचे से बर्फ़ नरम हो गई. गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी में भौतिक समुद्र विज्ञान के प्रोफेसर और रिसर्च के सह-लेखक फैबियन रोक्वेट ने कहा,’यह अपवेलिंग यह समझाने में मदद करती है कि समुद्री बर्फ कैसे पिघल सकती है. लेकिन जैसे-जैसे समुद्री बर्फ पिघलती है, इससे सतह का पानी ताज़ा हो जाता है, जिससे मिश्रण पर रोक लगनी चाहिए.
इसलिए उन्हें यकीन था कि कुछ और भी चल रहा था, और ‘कहीं से नमक का अतिरिक्त इनपुट होना चाहिए. इस प्रोसेस में ट्रोपिकल स्टोर्म्स ने भी भूमिका निभाई क्योंकि हवाएं समुद्री बर्फ को बाहर की तरफ ले गईं और नमकीन पानी मौड राइज की ओर बह गया. जबकि एटमॉस्फेरिक रिवर ऊपर से गर्मी जोड़ती हैं, जो फाइनल फेक्टर प्रोसेस थी जिसे एकमैन परिवहन कहा जाता है.