ब्रह्मांड आखिर किस रफ्तार से फैल रहा है? हबल के बाद जेम्स वेब टेलीस्कोप की खोज से रहस्य और गहराया!
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की हालिया खोजें ब्रह्मांड के विस्तार के रहस्य को और गहरा कर देती हैं. JWST ने यह पुष्टि कर दी है कि अलग-अलग समय पर, ब्रह्मांड के विस्तार की दर अलग-अलग थी. इस पहेली को ‘हबल टेंशन’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि सबसे पहले इसका पता हबल स्पेस टेलीस्कोप से लगा था. 2019 में हबल के मापों से पुष्टि हुई कि समस्या असली थी. फिर 2023 और 2024 में JWST ने और भी सटीक माप लिए जिससे ब्रह्मांड की इस विसंगति की और पुष्टि हुई. इसे और पुख्ता करने के लिए अंतरिक्ष में अपने पहले दो सालों में एकत्र किए गए JWST डेटा के सबसे बड़े नमूने का उपयोग किया गया है. 9 दिसंबर को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में छपे एक में रिसर्चर्स ने कहा कि ‘हबल टेंशन’ कहीं नहीं जा रही है.
ब्रह्मांड के विस्तार की गति के मान को Hubble Constant या हबल स्थिरांक कहते हैं. इसका पता लगाने के लिए दो जांचे-परखे तरीके हैं. पहला तरीका है ब्रह्मांडीय माइक्रोवेव बैकग्राउंड में छोटे उतार-चढ़ाव को मापना. जो कि बिग बैंग के ठीक 380,000 साल बाद ब्रह्मांड के पहले प्रकाश का एक प्राचीन स्नैपशॉट है. इस तरीके से गणना करने पर, वैज्ञानिकों ने हबल स्थिरांक का अनुमान लगभग 46,200 मील प्रति मिलियन प्रकाश वर्ष या लगभग 67 किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापार्सेक (किमी/सेकंड/एमपीसी) लगाया. यह, प्रारंभिक ब्रह्मांड के अन्य मापों के साथ, सैद्धांतिक भविष्यवाणियों के अनुरूप था.
दूसरा तरीके में निकट दूरी पर और ब्रह्मांड के बाद के जीवन में स्पंदित तारों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें सेफिड वेरिएबल्स कहा जाता है. सेफिड तारे धीरे-धीरे मर रहे हैं, और हीलियम गैस की उनकी बाहरी परतें बढ़ती और सिकुड़ती हैं क्योंकि वे तारे के विकिरण को अवशोषित और छोड़ते हैं, जिससे वे बीच-बीच में दूर के सिग्नल लैंप की तरह टिमटिमाते रहते हैं.
जैसे-जैसे सेफिड्स चमकीले होते जाते हैं, उनके टिमटिमाने की गति धीमी हो जाती है, जिससे खगोलविदों को तारों की आंतरिक चमक को मापने में मदद मिलती है. इस चमक की तुलना उनकी देखी गई चमक से करके, खगोलविद ब्रह्मांड के अतीत में और भी गहराई से झांकने के लिए सेफिड्स को ‘ब्रह्मांडीय दूरी की सीढ़ी’ में बांध सकते हैं. इस तरीके से गणना करने पर हबल स्थिरांक लगभग 73 किमी/सेकंड/एमपीसी आता है. यह एक ऐसा मान है जो प्लैंक माप की त्रुटि सीमा से बहुत बाहर है.
यह अंतर क्यों है, इसके पीछे एस्ट्रोनॉमर्स ने कई कारण गिनाए हैं लेकिन यह नई स्टडी इसी सीरीज की एक और कड़ी है. 2019 की हबल स्टडी के के नमूने के आकार के लगभग एक तिहाई को कवर करते हुए, नए एनालिसिस ने नमूने की सेफिड दूरी को 2% सटीकता के साथ मापने के लिए JWST का उपयोग किया जो कि हबल की 8-9% की सटीकता की तुलना में एक बड़ा सुधार था.
नई एनालिसिस के नतीजों को अन्य दूरी मापने वाले तारों, जैसे कार्बन समृद्ध तारों और चमकीले लाल दानवों के साथ क्रॉस-चेक करने पर 72.6 किमी/सेकंड/एमपीसी का मान प्राप्त हुआ, जो हबल के मूल माप के लगभग समान है. यह अब भी साफ नहीं है कि इस अजीब विसंगति का कारण क्या हो सकता है.