आधे कटे Apple के लोगो के पीछे का क्या है ‘राज’; डिजाइनर ने उठाया सच से पर्दा!

दुनिया के जाने-पहचाने जाने Logo में Apple का नाम जरूर लिया जाता है. Apple का लोगो दशकों से अटकलों और मिथकों से घिरा हुआ है. Apple का लोगो यानी ‘आधे कटे सेब’ को लेकर हमेशा चर्चा की जाती है कि इसके पीछे का राज क्या है? कई लोगों ने इसे एडम और ईव के फॉरबिडन फ्रूट( forbidden fruit) की कहानी से जोड़ा है.
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि एप्पल का लोगो आइजैक न्यूटन की गुरुत्वाकर्षण की खोज से प्रेरित था. हालांकि कुछ लोग इसके पीछे जुड़ा सबसे फेमस सिद्धांत कंम्प्यूटिंग भाषा के शब्द ‘बाइट’ से जुड़ा मानते हैं. बता दें कि कम्पयूटिंग भाषा में बाइट (Byte) शब्द का अर्थ है एक छोटी इकाई से होता है जिसमें डेटा स्टोर किया जाता है. यह आमतौर पर 8 बिट्स (0s और 1s) के समूह में होता है.
लोगो के पीछे ग्राफिक डिजाइनर रॉब जैनॉफ ने आखिरकार सच्चाई सामने ला दी है. हाल ही में हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने इन लंबे समय से चली आ रही अफवाहों को खारिज करते हुए खुलासा किया कि डिजाइन के चयन के पीछे का असली कारण कई लोगों की कल्पना से कहीं ज्यादा आसान है. उनका एक्सप्लेनेशन Apple की शुरुआती ब्रांडिंग रणनीति और स्थायी ब्रांड पहचान बनाने में सिंपलीसिटी की भूमिका के बारे में बताता है.
सालों से, टेक्नोलॉजी लवर्स और Apple के प्रशंसक इस बात पर जोर देते आए हैं Apple लोगो का काटने का निशान कंप्यूटिंग शब्दावली बाइट से जुड़ा है. इतना ही नहीं इस सिद्धांत ने ट्विटर और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात को अटेंशन भी मिला.
हालांकि, क्रिएटिव बिट्स को दिए एक इंटरव्यू, में जैनॉफ ने इस दावे को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि ये अफवाह से सिवा कुछ नहीं है. उन्होंने बताया कि सेब में बाइट इसलिए है कि क्योंकि आसानी से इस फल को पहचाना जा सके. जिससे लोग कन्फ्यूज ना हों.
Apple का लोगो 1977 में डिजाइन किया गया था. जब जैनॉफ विज्ञापन एजेंसी रेजिस मैककेना के लिए काम कर रहे थे. उस समय, Apple एक छोटी कंपनी थी और इसके संस्थापक स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक, एक ऐसे लोगो की तलाश में थे जो कंप्यूटिंग के उनके विजन को एक ऐसे तरीके से पेश करे यूजर्स के लिहाज से प्रभावी हो.
जैनॉफ ने बताया कि वह ये सुनिश्चित करना चाहते थे कि फल को तुरंत सेब के रूप में पहचाना जा सके. लोग चेरी या अन्य गोल फल के रूप में इसकी पहचान को लेकर कन्फ्यूज ना हों.