जयपुर टैंकर ब्लास्ट में लावारिस लाशों में रिटायर्ड IAS करणी सिंह की हुई पहचान!
जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार की सुबह एलपीजी टैंकर ब्लास्ट के बाद हुए भीषण अग्निकांड में 11 लोगों की मौत हुई और 41 लोग घायल हुए. यह हादसा इतना भयानक था कि शव के जले हुए अवशेष को पोटली में ले जाना पड़ा. जयपुर के भांकरोटा इलाके में यह हादसा हुआ, जहां एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी, जिससे आग लग गई और आसपास खड़े कई वाहन जलकर स्वाहा हो गए. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और घायलों के इलाज के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की.
भांकरोटा इलाके में हाईवे पर शुक्रवार तड़के हुई भीषण दुर्घटना में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक घायल अस्पताल में भर्ती हैं. इस हादसे में एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी थी, जिससे लगी आग ने 35 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया था. हादसे के बाद पहचान न हो पाने वाले शवों की संख्या पांच बताई जा रही थी, लेकिन अब यह संख्या चार हो गई है, क्योंकि एक शव के जलने के बाद दो टुकड़े हो गए थे. फिलहाल, दो शवों की पहचान अभी भी बाकी है.
शनिवार को हुई डीएनए जांच के बाद चार में से दो शवों की पहचान हो गई है. इनमें एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी करणी सिंह का शव है, जो दिसंबर 2008 में सेवानिवृत्त हुए थे. वह अजमेर और श्रीगंगानगर जिलों के कलेक्टर भी रह चुके थे. सेवानिवृत्ति के समय, वह आरयूआईडीपी परियोजना के निदेशक थे. इसके अलावा, वह राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलसचिव और अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भी रह चुके थे. दूसरा शव यूपी निवासी संजेश का है.