NDA Vice Presidential Candidate News: NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर लगी मुहर, जेपी नड्डा ने किया ऐलान
NDA Vice Presidential Candidate News: NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम फाइनल हो गया है। सीपी राधाकृष्णन NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे।

NDA Vice Presidential Candidate News: नई दिल्ली: NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम फाइनल हो गया है। सीपी राधाकृष्णन NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बात की जानकारी दी है। नड्डा ने बताया, “पीएम मोदी की मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की मीटिंग में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया है।”
हम विपक्ष से भी बात करेंगे: नड्डा
जेपी नड्डा ने कहा, “हम विपक्ष से भी बात करेंगे। हमें उनका समर्थन भी प्राप्त करना चाहिए ताकि हम मिलकर उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित कर सकें। जैसा कि हमने पहले कहा, हम उनके संपर्क में हैं और हमारे वरिष्ठ नेताओं ने पहले भी उनसे संपर्क किया है और अब भी हम उनके संपर्क में रहेंगे और हमारे सभी एनडीए सहयोगियों ने हमारा समर्थन किया है। सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद के लिए हमारे एनडीए के उम्मीदवार हैं।”
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
सीपी राधाकृष्णन मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं और बीजेपी, RSS और जनसंघ के पुराने नेता रहे हैं। वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। इससे पहले वह झारखंड के राज्यपाल थे और उनके पास तेलंगाना के भी राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार था। इसके अलावा वह पुडुचेरी के उपराज्यपाल भी रहे हैं।
सीपी राधाकृष्णन कोयंबटूर (तमिलनाडु) से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे हैं। 16 वर्ष की आयु में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और जनसंघ से जुड़ गए थे। दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु और केरल में भाजपा को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उपराष्ट्रपति चुनाव कब है?
चुनाव आयोग ने पहले घोषणा की थी कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन मतगणना भी होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, जबकि उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।
बता दें कि 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद रिक्त हो गया था। धनखड़ के त्यागपत्र में लिखा था, “स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।”