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3 लोगों की मौत, भारी पत्थरबाजी और हिंसा के बीच कैसी रही संभल की रात!

उत्तर प्रदेश के संभल में कल (24 नवंबर) दिन में साजिश के पत्थर चले और कई लोग जख्मी हो गए. हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है. फिलहाल, प्रशासन हरकत में आ गया है और हालात पर काबू है. जिला मजिस्ट्रेट ने अधिसूचना जारी कर संभल में बाहरी लोगों के आने पर पाबंदी लगा दी है. सामाजिक संगठनों के आने की आशंका के बीच पाबंदी लगाई गई है. इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर भी रोक है और जिले की सीमाओं पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है.

संभल की सड़कों पर पड़े ईंट के टुकड़े फैली हिंसा की गवाही दे रहे हैं. कुछ बड़े ईंट के टुकड़ों को हटा लिया गया है, लेकिन उसकी कुछ निशानियां रह गई हैं. भारी पत्थरबाजी और हिंसा के बीच संभल की रात कैसी रही

संभल में भड़की हिंसा में पथराव की वारदात के बाद कई गाड़ियां फूंक दी गई. इस घटना में तीन लोगों की मौत हुई है. इसके बाद संभल किले में तब्दील है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. अधिकारियों ने बताया कि हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. 12वीं क्लास तक के सभी स्कूल सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा 1 दिसंबर तक बाहर लोगों के आने पर पाबंदी है और पूरे शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात हैं.

संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किए जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई. घटना में उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत 20 लोग जख्मी भी हुए हैं. पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जलाने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. एक अधिकारी ने कहा, ‘उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं और कुछ छर्रे हमारे पुलिसकर्मियों को लगे. हम वहां जांच कर रहे हैं जहां गोलियां चलायी गईं, खासकर दीपा सराय इलाके में.’

एक स्थानीय अदालत के आदेश पर पिछले मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है. दरअसल, स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था. मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने संभल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस मामले में उपद्रवियों के दो तीन समूह थे जो लगातार गोलीबारी कर रहे थे और पुलिस प्रशासन ने सर्वेक्षण करने आई टीम को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला.

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