रिलायंस के शेयर का 10 साल में पहली बार निगेटिव रिटर्न!
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की लीडरशिप वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयर का प्रदर्शन पिछले तीन महीने के दौरान कमजोर रहा है. इस दौरान आरआईएल (RIL) ने करीब 15 प्रतिशत का निगेटिव रिटर्न दिया है. इसी दौरान निफ्टी में 4.9 प्रतिशत की गिरावट आई है. निफ्टी में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का वेटेज 8 प्रतिशत है. इस कारण निफ्टी में हुई गिरावट की एक वजह आरआईएल (RIL) में आई कमजोरी को भी माना जा रहा है. साल 2024 की शुरुआत से लेकर अब तक आरआईएल (RIL) के शेयर में 2.3 प्रतिशत की गिरावट हुई है.
साल 2014 के बाद यह पहला मौका है, जब यह शेयर सालाना आधार पर निगेटिव रिटर्न दे रहा है. अगस्त में हुई कंपनी की एनुअल जनरल बैठक (AGM) के बाद से ही आरआईएल (RIL) के शेयर में गिरावट देखी जा रही है. एजीएम में रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो के मॉनेटाइजेशन को लेकर कोई समय नहीं दिया गया था, जिससे निवेशक काफी निराश हुए थे. आरआईएल (RIL) के शेयर ने सितंबर में -2.2 प्रतिशत, अक्टूबर में -9.8 प्रतिशत, नवंबर में -3 प्रतिशत और दिसंबर में -3.9 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज को कई लेवल पर मुश्किलों का सामना पड़ रहा है. कंपनी के तेल-गैस और पेट्रोकेमिकल कारोबार के मार्जिन पर दबाव है. न्यू एनर्जी बिजनेस, जहां कैपिटल एक्सपेंडीचर का बड़ा हिस्सा लगा हुआ है, उसका ऑपरेशनलाइजेशन शेड्यूल से पीछे चल रहा है. इसके अलावा टेलीकॉम बिजनेस की एसरेज आमदनी प्रति यूजर (ARPU) प्रतिस्पर्धा और सिम कंसोलिडेशन के कारण उम्मीद की अपेक्षा कम तेजी से बढ़ रही है. हालांकि, टैरिफ में बढ़ोतरी का पूरा असर आना बाकी है.
आरआईएल (RIL) की तरफ से रिटेल बिजनेस का रीस्ट्रक्चर और कंसोलिडेशन किया जा रहा है. इसके कारण शेयरहोल्डर के लिए वैल्यू अनलॉकिंग में देरी हुई है. इसके अलावा पिछले कुछ साल में हुए कैपिटल एक्सपेंडीचर से कैश फ्लो आने की उम्मीद थी, लेकिन वैश्विक बाधाओं और मार्जिन के कारण यह अनुमान से कम है. इस कारण कंपनी को भविष्य के कैपिटल एक्सपेंडीचर को फंड करने के लिए लोन की जरूरत हो सकती है.