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PM Modi in Parliament: लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा, सदन में गरजे पीएम मोदी, मौजूद नहीं राहुल प्रियंका, पढ़ें पूरी खबर

PM Modi in Parliament: पीएम मोदी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा, ''हमारे लिए गर्व की बात है कि इस ऐतिहासिक अवसर के हम साक्षी बन गए हैं।

PM Modi in Parliament: नई दिल्ली। लोकसभा में आज वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा हो रही है। इस मौके पर स्वतंत्रता आंदोलन में इस देशभक्ति गीत की भूमिका और भारत की सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा की जाएगी। चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे पीएम मोदी ने की। लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा के लिए 10 घंटे का वक्त तय किया गया है। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अनुराग ठाकुर सरकार की तरफ से वंदे मातरम पर पक्ष रखेंगे। वहीं, विपक्ष की ओर से गौरव गोगोई, प्रियंका वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, विमल अकोइजम, प्रणिती शिंदे, प्रशांत पडोले, चमाला रेड्डी और ज्योत्सना महंत पक्ष रखेंगे। चर्चा के दौरान पीएम मोदी के उस बयान पर हंगामा होने के आसार हैं जिसमें पीएम मोदी ने कांग्रेस पर 1937 में इस गीत से प्रमुख छंदों को हटाने और विभाजन के बीज बोने का आरोप लगाया था। यही वजह है कि चर्चा से पहले ही कांग्रेस और बीजेपी वंदे मातरम् के मुद्दे पर आमने-सामने आ गई है।

PM मोदी का संबोधन

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने के मौके पर पीएम मोदी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा, ”हमारे लिए गर्व की बात है कि इस ऐतिहासिक अवसर के हम साक्षी बन गए हैं। एक ऐसा कालखंड जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को अपने सामने लेकर आता है। ये एक ऐसा अध्याय है जिससे इतिहास के कई पन्ने हमारे सामने उजागर हुए हैं।”

वंदे मातरम् का स्मरण करना हम सबका सौभाग्य है: PM मोदी

मैं सभी का आभार करता हूं कि हमने इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक सामूहिक चर्चा का रास्ता चुना है। जिस मंत्र, जिस जयघोष ने देश के आजादी के आंदोलन को ऊर्जा, प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था उस वंदे मातरम् का स्मरण करना हम सबका सौभाग्य है। हमारे लिए गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के इस ऐतिहासिक अवसर के हम साक्षी बन रहे हैं।

PM मोदी ने बताई वंदे मातरम् की अहमियत

यही वंदे मातरम् है जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई। स्वतंत्रता संग्राम का भावात्मक नेतृत्व इस वंदे मातरम् के जयघोष में था। यहां कोई पक्ष-प्रतिपक्ष नहीं है, हम सबके लिए यह रण स्वीकार करने का अवसर है, जिस वंदे मातरम् के कारण हमारे लोग आजादी का आंदोलन चला रहे थे उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं।

‘वंदे मातरम् के 100 साल हुए तब देश आपातकाल में था’

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा वार करते हुए कहा, ”जब वंदे मातरम् के 100 साल पूरे हुए थे, तब देश आपातकाल के जाल में जकड़ा हुआ था। उस समय संविधान का गला घोंट दिया गया था।”

PM मोदी का पहला बड़ा वार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “वंदे मातरम् 150 की यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है लेकिन वंदे मातरम् को जब 50 वर्ष हुए तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था और वंदे मातरम् के जब 100 साल हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जक़ड़ा हुआ था। जब वंदे मातरम् 100 साल का हुआ तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वाले लोगों को सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदे मातरम् के गीत ने देश को आजादी की ऊर्जा दी थी उसके जब 100 साल हुए तो दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे इतिहास में उजागर हो गया…150 वर्ष उस महान अध्याय को, उस गौरव को पुनर्स्थापित करने का अवसर है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने बंकिम चंद्र चटर्जी को किया याद

बंकिम चंद्र चटर्जी को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, वंदे मातरम् की शुरुआत बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने 1875 में की थी, यह गीत उस समय लिखा गया था जब 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेज सल्तनत बौखलाई हुई थी, भारत पर भांति-भांति के दबाव डाल रही थी, भांति-भांति के जुल्म कर रही थी। उस समय उनके राष्ट्र गीत को घर-घर तक पहुंचाने का षड्यंत्र चल रहा था, ऐसे समय में बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया और उसमें से वंदे मातरम् का जन्म हुआ।

सदन में मौजूद नहीं हैं राहुल-प्रियंका

पीएम मोदी लोकसभा में वंदे मातरम पर बोल रहे हैं लेकिन विपक्ष के नेता राहुल गांधी सदन में अपनी सीट पर नहीं है। प्रियंका भी सीट पर नहीं हैं। बता दें कि वंदे मातरम् बहस से जुड़े शेड्यूल के मुताबिक, सत्ताधारी NDA सदस्यों को लोकसभा में इसके लिए तय कुल 10 घंटों में से 2 घंटे दिए गए हैं।

वंदे मातरम् ने अंग्रेजों को हिला दिया था- पीएम मोदी

बंगाल का विभाजन तो हुआ लेकिन बहुत बड़ा स्वदेशी आंदोलन हुआ और तब वंदे मातरम् हर जगह गूंज रहा था। अंग्रेज समझ गए थे कि बंगाल की धरती से निकला बंकिम बाबू का यह भाव सूत्र जो उन्होंने तैयार किया था उसने अंग्रेजों को हिला दिया था। इस गीत की ताकत इतनी थी कि अंग्रेजों को इस गाने पर प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ा था। गाने और छापने पर ही नहीं वंदे मातरम् शब्द बोलने पर भी सजा, इतने कठोर कानून लागू किए थे।

PM मोदी ने पूछा- वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ?

जो वंदे मातरम् 1905 में महात्मा गांधी को राष्ट्रगान के रूप में दिखता था। वंदे मातरम् इतना महान था, इसकी भावना इतनी महान थी तो फिर पिछली सदी में इसके साथ इतना बड़ा अन्याय क्यों हुआ? वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ? वह कौनसी ताकत थी जिसकी इच्छा पूज्य बापू की भावना पर भारी पड़ गई जिसने वंदे मातरम् जैसी पवित्र भावना को विवादों में घसीट दिया।

‘कांग्रेस ने वंदे मातरम् पर समझौता किया’

पिछली सदी में वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात हुआ। इसे विवादों में घसीटा गया। मुस्लिम लीग ने इसका विरोध किया। जिन्ना ने 1937 में इसका विरोध किया लेकिन नेहरू ने मुस्लिम लीग की निंदा नहीं की। जिन्ना के विरोध के बाद नेहरू को कुर्सी का खतरा लगा। जिन्ना के विरोध के बाद नेहरू को डर लगा क्योंकि वंदे मातरम् के कुछ शब्दों पर मुस्लिमो को ऐतराज था। कांग्रेस ने इसकी समीक्षा की बात की। कांग्रेस ने वंदे मातरम् के टुकड़े कर दिए। कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के दबाव में फैसला लिया।

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