Pakistan News: बलूच विद्रोहियों ने पाक सैनिकों पर किया हमला, 3 जवानों की मौत, कई घायल
Pakistan Balochistan Attack: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर से पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाकर हमला किया गया है।

Pakistan Balochistan Attack: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर से पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाकर हमला किया गया है। बलूच विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने कलात और केच जिलों में पाकिस्तानी सेना को टारगेट करते हुए आईईडी धमाके किए हैं। इन हमलों में पाकिस्तानी सेना के 3 जवान मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं।
कहां-कहां हुए हमले?
बलूच विद्रोहियों के मुताबिक, पहला हमला कलात जिले के ग्रेप इलाके में तब हुआ जब पाकिस्तानी सैनिक अपने आगे के ठिकानों पर सामान और राशन पहुंचा रहे थे। इसी दौरान उनके काफिले पर ब्लास्ट किया गया। धमाका इतना जोरदार था कि मौके पर ही 2 सैनिकों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। दूसरा हमला केच जिले के गोरकोप इलाके में हुआ है। यह हमला तब हुआ जब पाकिस्तानी सेना की बम डिफ्यूज यूनिट सड़क मार्ग साफ कर रही थी। इस हमले में एक सैनिक की मौत हो गई और एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ है।
BLA ने ली जिम्मेदारी
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता जियंद बलोच ने इन हमलों को लेकर बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि हमले संगठन के लड़ाकों ने किए हैं। कार्रवाई पाकिस्तान की कब्जे की नीतियों के खिलाफ की गई है। बलूचिस्तान लगभग 2 दशकों से अशांत है। स्थानीय जातीय बलूच समूहों और उनसे संबंधित अन्य पार्टियों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार प्रांत की खनिज संपदा का दोहन कर रही है। हाल के दिनों में बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के निशाना बनाते हुए कई घातक हमले किए हैं।
बलूचिस्तान में लगातार हो रहे हैं हमले
हाल ही में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में कम से कम 9 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। हमला उस वक्त किया गया था जब पाकिस्तानी सेना का मूवमेंट हो रहा था। इसस पहले एक बाजार के पास बम विस्फोट में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।
BLA के बारे में जानें
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक सशस्त्र संगठन है, जिसका मकसद बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाना है। BLA की जड़ें 1970 के दशक में बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन से जुड़ी मानी जाती हैं। हालांकि, इसे औपचारिक रूप से 2000 के शुरुआती दशक में सक्रिय और संगठित रूप में पहचाना गया।




