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Parliament Winter Session: लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, MGNREGA नाम बदलने पर प्रियंका गांधी बयान, ‘जी राम जी’ बिल आज होगा पेश

Parliament Winter Session: सरकार एक नया बिल लाने जा रही है जो मनरेगा की जगह लेगा और नया ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून बनाया जाएगा।

Parliament Winter Session: नई दिल्ली। आज लोकसभा में नरेंद्र मोदी की सरकार एक नया बिल लाने जा रही है जो मनरेगा की जगह लेगा और नया ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून बनाया जाएगा। इस बिल का नाम ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025 रखा गया है जिसे शॉर्ट फॉर्म में ‘VB जी.. राम जी’ के नाम से जाना जाएगा। इस बिल के जरिए सरकार नया रोजगार गारंटी कानून बनाने जा रही है जो मनरेगा की जगह लेगा। इसमें 125 दिन रोजगार की गारंटी होगी जबकि मनरेगा में 100 दिन रोजगार की गारंटी होती थी। इस बिल में राज्यों की भी हिस्सेदारी तय की जा रही है जबकि मनरेगा में सिर्फ केंद्र की ही हिस्सेदारी होती थी लेकिन इस बिल को लेकर देश में जबरदस्त सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है।

क्या बोलीं प्रियंका गांधी?

मुझे नाम बदलने की यह सनक समझ नहीं आती। इसमें खर्चा बहुत होता है इसलिए मुझे समझ नहीं आता कि वे बेवजह ऐसा क्यों कर रहे हैं। MGNREGA ने गरीब लोगों को 100 दिन के रोजगार का अधिकार दिया था। यह बिल उस अधिकार को कमज़ोर करेगा। उन्होंने दिनों की संख्या तो बढ़ा दी है लेकिन मजदूरी नहीं बढ़ाई है। पहले ग्राम पंचायत तय करती थी कि MGNREGA का काम कहां और किस तरह का होगा, लेकिन यह बिल कहता है कि केंद्र सरकार तय करेगी कि फंड कहां और कब देना है, इसलिए ग्राम पंचायत का अधिकार छीना जा रहा है। हमें यह बिल हर तरह से गलत लगता।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने साधा निशाना

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन विधेयक 2025 पर कहा, UPA सरकार ने MGNREGA कानून पेश किया था और यह सबसे सफल योजना रही है। COVID-19 के दौरान, जब लाखों लोग शहरों से गांवों में गए तो MGNREGA ने उन्हें सुरक्षा दी। जब नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मारी, तो उनके मुंह से सिर्फ ‘हे राम’ शब्द निकले और यह अजीब बात है कि इस देश में आप महात्मा गांधी को भगवान राम से अलग कर रहे हैं। यह योजना, जो पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा फंडेड थी, आप इसे तोड़-मरोड़कर इसका बोझ राज्यों पर डाल रहे हैं। इस तरह यह योजना खत्म हो जाएगी।

मनरेगा और जी राम जी में क्या है अंतर?

अगर मनरेगा और जी राम जी में तुलना करें तो मनरेगा में 100 दिन गारंटी का प्रावधान है जबकि नए बिल में 125 दिन रोजगार की गारंटी है। मनरेगा में 15 दिनों में मजदूरी भुगतान का प्रावधान था जबकि नए कानून में हर हफ्ते मजदूरी भुगतान का प्रावधान। पहले खर्च सिर्फ केंद्र उठाती थी अब 10 से 40 प्रतिशत तक राज्यों को देना होगा। बुआई और कटाई के समय 60 दिनों तक रोजगार नहीं मिलेगा ताकि खेती के लिए मजदूर उपलब्ध हों। नए बिल पर समाजवादी पार्टी सवाल उठा रही है।

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