टेक्‍नोलॉजी

महंगे कैमरे…आईफोन लूट लिए, फर्जी नाम-पते पर मंगाते थे सामान!

आरोपियों की पोल तब खुली जब उन्होंने हाल ही में महंगे कैमरे फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके मंगवाए. उन्होंने सामान की डिलीवरी के लिए फर्जी पता और संपर्क नंबर दिए और एक नकली नाम का इस्तेमाल किया.

ऑनलाइन सामानों के लेन-देन में कई बार तगड़ी धोखाधड़ी देखने को मिल जाती है. कर्नाटक के मंगलुरु में हाल ही में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां के उरवा पुलिस ने दो ऐसे आरोपियों को अरेस्ट किया है जिन्होंने पूरे देश में कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से करीब 1.29 करोड़ रुपये से अधिक के सामान की धोखाधड़ी की है. इनमें कैमरे और आईफोन्स के कई धोखाधड़ी मामले शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक इस मामले में शामिल राजस्थान के रहने वाले राजकुमार मीणा और सुभाष गुर्जर के खिलाफ 11 मामले दर्ज हुए हैं.

डिलीवरी एजेंट को धोखा देकरअसल में आरोपियों की पोल तब खुली जब उन्होंने हाल ही में अमेजन से 11.45 लाख रुपये के कैमरे और अन्य महंगे सामान फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर मंगवाए. उन्होंने सामान की डिलीवरी के लिए फर्जी पता और संपर्क नंबर दिए और एक नकली नाम ‘अमित’ का इस्तेमाल किया. डिलीवरी के समय दोनों ने डिलीवरी एजेंट को धोखा देकर सामान के बॉक्स पर लगे स्टिकर बदल दिए. राजकुमार ने गलत ओटीपी दिया, जिससे पुष्टि में देरी हुई और एजेंट को अगले दिन आने का कहकर सामान बदल दिया गया.
अमेजन की डिलीवरी पार्टनर महिंद्रा लॉजिस्टिक्स ने बाद में स्टिकर्स की जांच की, जिससे पता चला कि असली कैमरे गायब हैं. पुलिस कमिश्नर अनुपम अग्रवाल ने बताया कि आरोपी कई राज्यों में इसी तरह की धोखाधड़ी कर रहे. जांच के दौरान दोनों को शहर छोड़ते समय सीसीटीवी फुटेज की मदद से पकड़ा गया.

ठगे गए सामान की बिक्रीइतना ही नहीं राजकुमार मीणा पहले भी इसी प्रकार की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है. उन्हें सलम पुलिस ने अक्टूबर में गिरफ्तार किया था और उरवा पुलिस ने उन्हें 18 अक्टूबर को कस्टडी में लिया. इसके बाद, 28 अक्टूबर को सुभाष को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने ठगे गए सामान की बिक्री से प्राप्त 11.45 लाख रुपये नकद भी बरामद किए हैं.

डेक्कन हेराल्ड की एक ऑनलाइन रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपियों के खिलाफ देशभर के कई राज्यों में कैमरे और आईफोन की धोखाधड़ी के 11 मामले दर्ज हैं. उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, और आगे की जांच जारी है.

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