MP News: गौमांस को टैक्स फ्री करने वाले बयान पर सीएम डॉ. यादव का पलटवार, बोले-हम गौ हत्या की सोच भी नहीं सकते
MP Latest News: सीएम डॉ. मोहन यादव ने बालाघाट के कटंगी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम गौ हत्या की सोच भी नहीं सकते हैं।

भोपाल। बीफ को टैक्स फ्री किए जाने के गजट नोटिफिकेशन पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का बयान सामने आया है. उन्होंने बालाघाट के कटंगी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम गौ हत्या की सोच भी नहीं सकते. हमारी तो मान्यता ही ये है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है. लेकिन कांग्रेसियों का गौ माता से कोई लेना देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेसी गौ हत्यारों के रिश्तेदार हैं. डॉ मोहन यादव ने सवाल किया कि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह था गाय बछ़ड़ा. ये चुनाव चिन्ह बदलकर कांग्रेस ने इसे पंजा कर दिया. इस पाप को जनता माफ नहीं करेगी. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश वो राज्य है जहां गौ हत्या को लेकर सख्त कानून है.
गौ हत्या पर मोहन यादव का पलटवार
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादवने जीतू पटवारी के बीफ को टैक्स फ्री किए जाने के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष का नाम लिए बगैर कहा कि “पहले लाड़ली बहनों के विषय में अब गौ मांस का मुद्दा उठा लिया. हमारी सरकार में तो गौ हत्या पर प्रतिबंध 2004 से लगा हुआ है. कांग्रेस बताए कि 2004 से पहले जब उनकी सरकार थी तो आप क्या कर रहे थे. हम तो गौ माता के लिए ऐसी बात सोच भी नहीं सकते.”
‘गौ माता को लेकर है सख्त कानून’
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादवने कहा कि “गौ माता को काटने की तो छोड़ो, अगर उसको कोई परेशान भी करेगा तो हमारी सरकार में उसे जेल में डाल दिया जाएगा. सख्त कानून है प्रदेश में. हमने कई ट्रक और गाड़िया जब्त की हैं. जिनमें गौ वंश की तस्करी की जा रही थी. जब इन्हें पकड़ते हैं तो कांग्रेस हाय रे हाय रे चिल्लाते हैं. मोहन यादव ने कहा कि असल में कांग्रेस को गौ माता से कोई लेना देना नहीं है.”
प्रदेश सरकार के पशुपालन मंत्री का आया जवाब
पशुपालन मंत्री लखन पटेलने कहा कि “मध्य प्रदेश में 2004 में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की सरकार के दौर से मध्य प्रदेश में गौ हत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. ना मध्यप्रदेश में गौ मांस की बिक्री हो सकती है ना परिवहन. इसमें कड़ी सजा का प्रावधान है.”
उन्होंने कहा कि “अगर कोई गौ कशी करता है तो मध्य प्रदेश में इस अपराध में 10 साल की सजा का प्रावधान है. जीएसटी लिस्ट देश भर की है, इसलिए लिस्ट से उस प्वाइंट को हटा पाना संभव नहीं है. हमारे प्रदेश में गोवंश की हत्या संभव नहीं है.” उन्होंने उल्टा कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस को कहीं का पता है तो हमें भी जानकारी दें, हम कार्रवाई करेंगे.
संत समाज का तर्क
अखिल भारतीयसंत समिति के मध्य प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष अनिलानंद महाराज कहते हैं कि “जो सरकारी परिपत्र जारी हुआ है उसे समझने की जरुरत है. असल में उसमें जीएसटी शून्य इसलिए किया गया है क्योंकि जो चीज बिकती ही नहीं उस पर क्यों टैक्स लिया जाएगा. चूंकि गौ मांस प्रतिबंधित है मध्य प्रदेश में इसलिए उस पर कोई टैक्स भी नहीं है. शून्य जीएसटी इसलिए लिखा गया है.”
मध्य प्रदेश में गौ वध को लेकर कानून क्या कहता है?
मध्य प्रदेश में गौ वध को लेकर 2004 में उमा भारती की सरकार में सख्त कानून लागू हो गया था. इस कानून के तहत मध्य प्रदेश में गौ मांस पूरी तरह से प्रतिबंधित है. गौ मांस अगर पकड़ा जाता है तो उसमें 3 साल की सजा का प्रावधान है. गौ मांस के परिवहन पर 7 साल की सजा का प्रावधान है और वाहन भी जब्त कर लिया जाएगा.
गौ वंश के भरण पोषण का बजट 600 करोड़
एक गाय पर होने वाले कुल खर्च की बात करें तो प्रतिदिन के हिसाब से गाय पर होने वाला खर्च 40 रुपए है. 20 रुपए से बढ़ाकर ये राशि 40 रुपए की गई है. इसमें 25 रुपए गाय के भूसे पर होने वाला खर्च है. 10 रुपए दाने पर खर्च किए जाते हैं. और 5 रुपए का व्यय मानव संसाधन पर होता है.
गौ वंश के भरण पोषण के लिए 2 साल पहले तक 90 करोड़ का बजट था. जिसे बढ़ाकर अब 250 करोड़ कर दिया गया है. इस वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 600 करोड़ रुपए कर दिया गया. इसके जरिए प्रदेश की जो रजिस्टर्ड गौशालाएं हैं वहां गौ शाला समितियों के खाते में हर महीने 50 करोड़ की राशि ट्रांसफर की जाती है.