महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के नाम पर कहां अटका है मामला? भाजपा-शिवसेना-एनसीपी में किन विभागों को लेकर खींचतान!
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक सप्ताह बाद भी महायुति की ओर से मुख्यमंत्री के नाम का औपचारिक ऐलान नहीं किया जा सका है. माना जा रहा है कि महायुति के तीनों घटक दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच गठबंधन की आंतरिक राजनीति चरम पर है. शिवसेना और एनसीपी की ओर से भाजपा को कहा गया है कि वह पहले मुख्यमंत्री का नाम घोषित करे, उसके बाद बाकी मसलों पर बात होगी.
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर देरी के पीछे महायुति में भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के नाम को लेकर गतिरोध बना हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ महायुति के नेताओं की बातचीत के बावजूद कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. हालांकि भाजपा का मुख्यमंत्री और शिवसेना-एनसीपी से एक-एक उपमुख्यमंत्री का फॉर्मूला तय हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली बैठक में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की मौजूदगी में महाराष्ट्र सरकार का खाका तो तय हो गया, लेकिन विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान बढ़ गई है. क्योंकि भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना और एनसीपी पहले मुख्यमंत्री का नाम जानना चाहती है, उसके बाद ही उपमुख्यमंत्री के नाम और मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर आगे बढ़ना चाहती है. हालांकि, भाजपा से करीब 20, शिवसेना से एक दर्जन और एनसीपी से नौ कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की चर्चा है.
महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों के मुताबिक, भाजपा की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम लगभग तय है. पहले भाजपा विधायक दल की बैठक फिर महायुति की बैठक में इसको औपचारिक जामा पहनाया जा सकता है. इसके बावजूद भाजपा की पुरानी रणनीति को लेकर शिवसेना और एनसीपी चाहती है कि मुख्यमंत्री का नाम जल्दी सार्वजनिक हो जाए. क्योंकि भाजपा पहले कई बार अपने फैसले से लोगों को चौंकाती रही है. भाजपा में सुर्खियों में शामिल नाम की जगह कोई नया नाम सामने आता जाता है.
शिवसेना उपमुख्यमंत्री पद के लिए तैयार तो हो गई है, लेकिन एकनाथ शिंदे इस पद के लिए खुद को तैयार नहीं कर पा रहे. उनके उपमुख्यमंत्री नहीं बनने पर शिवसेना में उनके बेटे श्रीकांत शिंदे के अलावा कुछ और नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं. जबकि भाजपा अनुभवी नेता एकनाथ शिंदे को सरकार में शामिल करना चाहती है. इसके लिए शिवसेना, महायुति और सरकार की मजबूती की दलील दी जा रही है. साथ ही श्रीकांत शिंदे के उपमुख्यमंत्री बनने पर वंशवाद के आरोप और दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ तुलना जैसे कुछ और तर्क भी दिए गए हैं.
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद पर फैसला होने के बाद पांच मुख्य विभागों के बंटवारे पर महायुति के घटक दलों में खींचतान की चर्चा जोरों पर है. गृह, वित्त, राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग में से भाजपा के पास दो या तीन विभाग शिवसेना-एनसीपी को एक-एक विभाग दिए जाने का फॉर्मूला बना है. खींचतान बढ़ने पर शिवसेना के हिस्से में एक अतिरिक्त विभाग भी दिया जा सकता है. हालांकि, वे विभाग कौन-कौन से होंगे इस पर कोई आश्वासन नहीं दिया गया है.