केरल स्थानीय निकाय चुनावों में LDF को झटका, UDF ने लहराया परचम, तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की बड़ी जीत
Kerala Panchayat Chunav 2025: केरल में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने शानदार जीत हासिल की है।

Kerala Panchayat Chunav 2025: तिरुवनंतपुरम: केरल में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने शानदार जीत हासिल की है। यह जीत राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव दिखाती है और 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) के खिलाफ जनता की नाराजगी का स्पष्ट संकेत है। UDF ने नगर निगमों, नगरपालिकाओं, ब्लॉक पंचायतों और ग्राम पंचायतों में बड़ी जीत दर्ज की है। माना जा रहा है कि इस जीत से गठबंधन में नई ऊर्जा आई है।
तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत
सूबे के चुनावी इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर कब्जा कर लिया। इससे सूबे की राजधानी के नगर निगम पर CPM का 4 दशकों का शासन खत्म हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत को ‘राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़’ बताया और पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को इसका श्रेय दिया। इस जीत से केरल में बीजेपी का पहला मेयर बनने का रास्ता खुल गया है। रिटायर्ड DGP आर श्रीलेखा को इस पद के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
सत्तारुढ़ LDF को लगा बहुत बड़ा झटका
सूबे की सत्ता पर आसीन LDF के लिए ये नतीजे बहुत बड़े झटके के तौर पर देखे जा रहे हैं। उसने 5 में से 4 नगर निगमों पर नियंत्रण खो दिया, जिसमें तिरुवनंतपुरम और कोल्लम शामिल हैं। तिरुवनंतपुरम में तो 45 साल और कोल्लम में 25 साल से LDF का शासन था। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अप्रत्याशित परिणामों को स्वीकार करते हुए पार्टी की रणनीतियों की गहन समीक्षा का वादा किया। CPM के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने इसे ‘अप्रत्याशित झटका’ बताया, लेकिन गलतियों को सुधारकर आगे बढ़ने की बात कही।
UDF की जमीनी मुद्दों पर आधारित मुहिम सफल
बता दें कि इन चुनावों में UDF की मुहिम में सबरीमाला में सोने की चोरी का मामला और शासन की नाकामियां जैसे मुद्दे प्रमुख थे। इनसे शहरों और गांवों दोनों में मतदाताओं का समर्थन मिला। गठबंधन ने 87 नगरपालिकाओं में से 54, 6 नगर निगमों में से 4 और 3 स्तर वाली पंचायत व्यवस्था में मजबूत बढ़त हासिल की। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे ‘जनता केंद्रित राजनीति की निर्णायक और उत्साहजनक स्वीकृति’ बताया। अलप्पुझा सांसद केसी वेणुगोपाल ने इसे LDF की ‘भ्रष्ट, तानाशाही और जनविरोधी सरकार’ के खिलाफ जनता का फैसला कहा।
बीजेपी के प्रदर्शन के बाद तेज हुईं अटकलें
तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की जीत और केरल के अन्य कई इलाकों में बेहतर प्रदर्शन के बाद सूबे की राजनीति में बड़े बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है। बीजेपी के राज्य अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने दावा किया कि पार्टी को पूरे केरल में 20 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार और शासन की नाकामी के खिलाफ जनता की नाराजगी का नतीजा बताया। तिरुवनंतपुरम के बाहर भी कई इलाकों में बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनावों के मुकाबले बेहतर रहा। पार्टी के नियंत्रण में कई पांच ग्राम पंचायतें और 2 नगरपालिकाएं भी आई हैं।
क्या कहते हैं इन चुनावों के आंकड़े?
नतीजों के मुताबिक, UDF ने इन स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की है। UDF ने कुल 500 ग्राम पंचायतें जीतीं, जबकि LDF को 341 में जीत मिलीं। NDA का तिरुवनंतपुरम में उभार चर्चा का केंद्र बन गया, जहां उसने निगम में कुल 50 सीटें हासिल कीं। यूडीएफ ने 7 जिला पंचायतें जीतीं, जबकि LDF को 6 पर जीत मिली। शहरों में UDF ने 54 नगरपालिकाएं और 4 निगम जीते, जबकि LDF को सिर्फ 1 निगम और 28 नगरपालिकाएं मिलीं।
केरल चुनावों में AAP को मिलीं 3 सीटें
राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी ने तीन सीटें जीतीं। जीतने वाली AAP उम्मीदवार हैं: बीना कुरियन (वार्ड 13, करीमकुन्नम ग्राम पंचायत), सिनी एंटनी (वार्ड 16, मुलेनकोल्ली ग्राम पंचायत) और स्मिता ल्यूक (वार्ड 4, उझवूर ग्राम पंचायत)। स्थानीय निकाय चुनावों के इन परिणामों ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जोरदार मुकाबले की नींव रख दी है। तिरुवनंतपुरम में बीजेपी का उभार केरल की राजनीति में बदलते परिदृश्य की ओर इशारा कर रहा है। अब देखना है कि आने वाले वक्त में सूबे की सियासी हवा किस ओर बहती है।




