दुनिया का वो कोना जहां है सैटेलाइट्स का कब्रिस्तान, आती हैं खौफनाक आवाजें, केवल 6 घंटे में ट्रेन से पहुंच सकते हैं स्पेस!
धरती पर कई ऐसी दुर्गम जगहें जहां आज भी इंसान नहीं पहुंच पाया है और यदि पहुंच गया है तो वहां जाने की जुर्रत विरले ही लोग कर पाते हैं. ऐसी ही एक बेहद दुर्गम जगह है नीमो प्वाइंट. दक्षिण प्रशांत में स्थित प्वाइंट निमो को पार करना काफी ज्यादा मुश्किल माना जाता है. साथ ही यहां का खौफनाक वातावरण भी इंसान के अनुकूल नहीं कहा जा सकता है. 2 अक्टूबर 2024 को दुनिया का चक्कर लगाने के मिशन पर निकलीं इंडियन नेवी की 2 महिला अफसरों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने नीमो प्वाइंट पर पहुंचकर वहां भारत का झंडा फहराया है
नीमो प्वाइंट धरती पर समंदर में स्थित वो सबसे सुदूर और सुनसान इलाका है जहां से सबसे करीब में जो जमीन है वो भी करीब 2700 किलोमीटर है. यानी कि धरती का आखिरी कोना. इसकी दूरी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि यहां से अंतरिक्ष केवल 400 किलोमीटर दूर है.
नीमो प्वांइट में जब खड़े होंगे तो आपका वहां से सबसे करीबी धरती पर नहीं बल्कि अंतरिक्ष में होगा. क्योंकि यहां से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन केवल 400 किलोमीटर दूर है और वहां पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स आपके सबसे करीबी पड़ोसी होंगे.
अंतरिक्ष से इतना करीब होने और एकदम सुनसान इलाका होने के कारण यहां पर रिटायर्ड सैटेलाइट्स गिराए जाते हैं. इसलिए इसे सैटेलाइट्स का कब्रिस्तान कहा जाता है. नीमो प्वाइंट पर समुद्र में 200 से ज्यादा सैटेलाइट्स दफन हैं. साथ ही यहां एक ओर बेहद सन्नाटा है तो दूसरी तरफ अचानक अजीब तरह की खौफनाक आवाजें सुनाई देती हैं. जिससे यह जगह किसी भूतिया जगह की तरह लगती है. लंबी रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझा लिया है कि ये आवाजें बड़ी-बड़ी बर्फीली चट्टानों के टूटने की वजह से पैदा होती हैं. बर्फ के टूटने पर पैदा होने वाली फ्रीक्वेंसी ही ये आवाज बन जाती है और गहरे सन्नाटे के बीच भयानक अहसास देती हैं. नीमो प्वाइंट पर कभी-कभार ही वैज्ञानिक रिसर्च के लिए आते हैं.