India Indonesia Sanatan Dharm: दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में सनातन की पताका लहरा रही है. 28 करोड़ मुस्लिम आबादी वाले देश में सनातन का शंखनाद हो रहा है. जिसकी गवाही इंडोनेशिया के वो मंदिर दे रहे हैं. जिनके शिखर पर सैकड़ों बरसों से सनातन की धर्म ध्वजा फहरा रही है. लेकिन इंडोनेशिया में हिंदुस्तान का मिशन सनातन अब और तेज होने वाला है क्योंकि इंडोनेशिया के योग्यकार्ता शहर के बाहरी इलाके में 240 मंदिरों को बनाने का मिशन जारी है. जिसके तहत अभी तक 22 मंदिरों का जीर्णोद्धार पूरा हो चुका है.
ये सभी मंदिर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट में तबाह हो गए थे. 17वीं शताब्दी में इसे फिर से खोजा गया और अब एक बार पुन: स्थापित किया जा रहा है. यहां 10वीं सदी का प्रम्बानन मंदिर भी है. जो इंडोनेशिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर माना जाता है. ये मंदिर 3 मुख्य हिंदू देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित है.
इंडोनेशिया और भारत सांस्कृतिक रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और हिंदू धर्म भारत से जावा तक फैला है. इसीलिए तो मुस्लिम मुल्क होने के बावजूद इंडोनेशिया के साथ भारत की दोस्ती इतनी मजबूत है. दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक के साथ साथ रणनीतिक साझेदारी और व्यापार भी बढ़ रहे हैं.
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो (Prabowo Subianto) 76वें गणतंत्र दिवस (76th Republic Day) में शामिल होने के लिए भारत आए हैं. हैदराबाद हाउस में उनका पीएम मोदी (PM Modi) ने स्वागत किया. इंडोनेशिया भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि देश था और यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि जब हम गणतंत्र के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, तो इंडोनेशिया एक बार फिर इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बना है. मैं राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का भारत में हार्दिक स्वागत करता हूं’.
हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बातचीत हुई. जिसमें संबंधों को मजबूत करने के साथ रक्षा और व्यापार सहयोग बढ़ाने पर चर्चा है. इसके साथ समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने जैसे तमाम मुद्दों पर भी बात हुई और कई समझौतों पर दस्तखत हुए. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने कहा, ‘इंडोनेशिया भारत को बहुत अच्छा दोस्त मानता है. भारत उन पहले देशों में से एक था, शायद पहला देश जिसने हमारी स्वतंत्रता को मान्यता दी, स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में हमारा समर्थन किया, हम कभी नहीं भूलेंगे कि भारत ने हमारी मदद के लिए क्या किया’.