मध्‍यप्रदेश

देश को सशक्त और समृद्ध बनाने में नागरिक दें अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर नागरिकों से आह्वान किया है कि वें  एक सशक्त और समृद्ध देश बनाने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। संविधान से मिले अधिकारों और सौंपे गए कर्तव्यों का अपने आचरण और व्यवहार में पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ पालन करें। स्वतंत्रता सेनानियों, बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान सभा के सदस्यों के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करे। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि प्रदेश में गण और तंत्र, समान भाव, समर्पण और लगन से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्म-निर्भर भारत की परिकल्पना को मूलमंत्र बनाकर जनसेवा,  सुशासन और प्रदेश के चहुमुखी विकास की नई यात्रा में सहभागिता कर रहे हैं। राज्यपाल श्री पटेल भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। आकाश में गुब्बारे छोड़े और परेड की सलामी लेकर निरीक्षण किया। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों, परम्परागत लोकनृत्यों और झांकियों की प्रस्तुति का अवलोकन किया। परेड कमांडरों के साथ ग्रुप फोटो भी खिचवाया। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के पर्यावरण के लिए नव जागृति की पहल “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान में प्रदेश ने साढ़े 5 करोड़ पौधे लगाकर, जल गंगा संवर्धन अभियान में बढ़-चढ़ कर सहभागिता कर सजग-सक्रिय गणतंत्र का आदर्श प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश युवाओं, महिलाओं, अन्नदाता किसानों और गरीब वर्ग की समान रूप से उन्नति उनके जीवन को खुशहाल, आसान बनाने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी अधोसंरचना और औद्योगिक क्षेत्र में विकसित प्रदेश के निर्माण के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के “विकसित भारत” के संकल्प के तहत, प्रदेश  गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी (GYAN) के सशक्तिकरण पर आधारित चार मुख्य स्तंभों पर कार्य कर रहा है। राज्य सरकार ने इस दिशा में मिशन मोड में कार्य करने के उद्देश्य से गरीब कल्याण मिशन, स्वामी विवेकानन्द युवा शक्ति मिशन, किसान-कल्याण और देवी अहिल्याबाई होल्कर नारी सशक्तिकरण मिशन शुरू किये हैं।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा है कि प्रदेश में आर्थिक विकास को गति देने के लिए निवेश और औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। मध्यप्रदेश, देश और दुनिया के उद्योग समूहों के लिए निवेश का पसंदीदा डेस्टिनेशन बनकर उभर रहा है। प्रदेश में पहली बार स्थानीय स्तर पर औद्योगिक विकास को बल देते हुए संभागों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किये गये हैं। उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, नर्मदापुरम और शहडोल के कॉन्क्लेव और माइनिंग कॉन्क्लेव आयोजित की गई। प्रदेश को ग्लोबल इन्वेस्टमेंट हब बनाने के लिए सरकार ने यू.के. एवं जर्मनी में रोड शो कर खनिज, सेमी कंडक्टर, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल, नवकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और खाद्य प्र-संस्करण जैसे क्षेत्रों में 78 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। फरवरी-2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की निवेश संभावनाओं को विस्तारित करने के लिए मुम्बई, कोयम्बटूर, बैंगलुरू, कोलकाता और पुणे में रोड शो किये गये हैं। इन सभी प्रयासों से अब तक लगभग 4 लाख 17 हजार करोड़ का निवेश और 4 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश की अमृत पीढ़ी के युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के आवश्यक संसाधन, अवसर प्रदान करने के हर संभव प्रयास हो रहे हैं। युवा आत्म-निर्भर बन कर सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भूमिका निभाए,  इसके लिए उनकी शिक्षा, कौशल उन्नयन एवं स्व-रोज़गार की कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में खेल गतिविधियों के प्रोत्साहन के सफल परिणाम मिलने लगे हैं। हमारा प्रदेश कृषि क्षेत्र में हमेशा देश में अग्रणी रहा है। किसान भाइयों को उनकी मेहनत की सही कीमत दिलाने से लेकर शून्य ब्याज दर पर ऋण, सिंचाई सुविधाओं के निरंतर विस्तार तथा उनकी हर ज़रूरत और मुश्किल घड़ी में सहायता सुनिश्चित की जा रही है। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आजीविका के साथ सेवा की नवीन संकल्पना के साथ गौ-संरक्षण और संवर्धन के लिये अनेक नई और अभूतपूर्व पहल की है। गरीबों के कल्याण का हमारा संकल्प अब सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश के गरीब वर्ग को पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के लिए बराबर के अवसर और सुविधाएँ सुनिश्चित होने से वह सम्मान और आत्म-विश्वास के भाव से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 36 लाख और शहरी में 44 लाख से अधिक परिवारों को पक्का घर मिला है। पीएम स्वामित्व योजना में 24 लाख से अधिक भू-अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के वर्ष-2047 तक सिकलसेल रोग उन्मूलन के संकल्प की पूर्ति की दिशा में प्रदेश में सक्रियता से काम हो रहा है। मध्यप्रदेश में सिकलसेल स्क्रीनिंग के निर्धारित वार्षिक लक्ष्य के विरूद्ध सर्वाधिक स्क्रीनिंग कर, देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है। अब तक वर्ष 2025 की स्थिति में करीब 90 लाख से अधिक व्यक्तियों की जांच कर शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया है। अनुसूचित जनजाति बहुल विकास खण्डों में 53 लाख 87 हजार से अधिक आबादी को जेनेटिक कॉउसिंलिंग कार्ड वितरित कर देश में प्रथम स्थान पर है। सरकार द्वारा सिकलसेल प्रभावितों का नि:शुल्क उपचार प्रबंधन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार जनजातीय समुदाय की तरक्की के हर पहलू का ख्याल रख रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपए प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए किया गया है, जिसका लाभ लगभग 35 लाख संग्राहकों को मिल रहा है। छात्रावासों के विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण एवं मार्गदर्शन हेतु 24×7 मित्र हेल्पलाइन प्रारंभ की गई है। पेसा मोबिलाइजर्स का मानदेय 4 हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार किया जायेगा।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जनजातीय ग्रामों में योजनाओं की शत-प्रतिशत पूर्ति के लिए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” प्रारम्भ किया है। अभियान में 11 हजार से अधिक ग्रामों में निवासरत 18 लाख 58 हजार जनजातीय परिवारों की 93 लाख 23 हजार आबादी को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है। प्रतिभावान विद्यार्थियों को 728 करोड़ रुपए की प्री एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान किया जायेगा। प्रदेश के 89 विकासखंडों में 100-100 सीटर आवासीय छात्रावास बनेंगे। विशेष पिछड़ी जनजातीय की बहनों को वर्ष 2024 में 325 करोड़ रुपए से अधिक की आहार अनुदान सहायता दी गई है। प्रदेश में पीएम जन-मन योजना में तेज गति से विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों के 11 लाख से अधिक भाई-बहनों को लाभान्वित करने 7 हजार 300 करोड़ रुपए के अधोसंरचना कार्य हो रहे हैं। देश में सर्वप्रथम शिवपुरी में 500 पीएम जन-मन आवास एवं बालाघाट में पहली सड़क का निर्माण पूर्ण कर मध्यप्रदेश योजना के क्रियान्वयन में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में श्री बादल भोई स्मृति एवं जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्मृति जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय बनाए गए हैं। शौर्य संकल्प योजना में बटालियन बनाकर विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया के युवाओं को पुलिस,  सेना एवं होमगार्ड में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। सभी 55 जिलों में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस प्रारंभ हो गए हैं। प्रदेश उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात में राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी से प्रदेश के विश्वविद्यालयों में उन्नत सुविधाओं के लिए 400 करोड़ रुपए की सौगात मिली है। प्रदेश में 3 नये विश्वविद्यालय, खरगोन में क्रांतिसूर्य टंट्या भील, सागर में रानी अवंतीबाई लोधी एवं गुना में तात्या टोपे विश्वविद्यालय शुरू हो गए हैं। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का पद नाम भी बदलकर कुलगुरु किया है। आगर-मालवा में नया विधि महाविद्यालय प्रारंभ किया जाएगा। भारतीय ज्ञान  परम्परा हेतु रामायण व गीता वैकल्पिक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किए जा रहे हैं। प्रदेश में आयुष चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है। प्रदेश में 800 आयुष आरोग्य मंदिर का संचालन शुरू हो गया है। सागर, शहडोल, नर्मदापुरम, बालाघाट और मुरैना में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश के 50 जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का संचालन प्रारम्भ किया गया है। नए 530 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।

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