Tej Pratap’s Party Election Symbol: पटना। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपनी नई पार्टी बनाकर बिहार विधानसभा चुनाव के मैदान कूद चुके हैं। तेज प्रताप यादव की नई पार्टी का नाम ‘जनशक्ति जनता दल’ है और इसका चुनाव चिह्न ‘ब्लैक बोर्ड’ है। तेज प्रताप यादव ने अपने आधिकारिक X हैंडल से पार्टी के पोस्टर को भी शेयर किया है।
क्या बोले तेज प्रताप यादव?
पार्टी का पोस्टर शेयर करते हुए तेज प्रताप यादव ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा- “हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित और तत्पर हैं। हमारा मकसद बिहार में संपूर्ण बदलाव कर एक नई व्यवस्था का नव निर्माण करना है। हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।”
हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित और तत्पर हैं। हमारा मकसद बिहार में संपूर्ण बदलाव कर एक नई व्यवस्था का नव निर्माण करना है।
तेज प्रताप यादव ने पार्टी का जो पोस्टर लॉन्च किया है उसमें उन्होंने 5 महापुरुषों और नेताओं को भी शामिल किया है। पोस्टर में महात्मा गांधी, बीआर अंबेडकर, राम मनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर शामिल हैं। गौर करने वाली बात ये भी है कि तेज प्रताप ने इस पोस्टर में अपने पिता लालू प्रसाद यादव को जगह नहीं दी है।
तेज प्रताप यादव की नई पार्टी के पोस्टर पर लिखा है- “जनशक्ति जनता दल, सामाजिक न्याय-सामाजिक हक- संपूर्ण बदलाव। जन-जन की शक्ति, जन-जन का राज- बिहार का विकास करेंगे तेज प्रताप।” इसके साथ ही जनशक्ति जनता दल से जुड़ने के लिए मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है।
किस सीट से चुनाव लड़ेंगे तेज प्रताप?
तेज प्रताप ने दावा किया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव महुआ विधानसभा सीट से लडे़ंगे। इससे पहले तेज प्रताप ने 2015 में महुआ से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। तेज प्रताप यादव का दावा है कि महुआ ही उनकी कर्मभूमि है और अगर कोई और महुआ से चुनाव लड़ेगा तो जनता उसे हरा देगी।
क्यों राजद और परिवार से अलग हुए तेज प्रताप?
लालू प्रसाद यादव ने बीते मई महीने में तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से बाहर निकाल दिया था और उनसे सारे रिश्ते तोड़ लिए थे। इससे पहले तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट सामने आई थी जिसमें बताया गया था कि तेज प्रताप और अनुष्का पिछले 12 साल से रिलेशनशिप में हैं। इस घटना के बाद लालू परिवार में विवाद शुरू हो गया।