जय शाह ने संभाली आईसीसी चेयरमैन की कुर्सी, BCCI में सफलता के बाद अब क्या है चुनौती?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के चेयरमैन की कुर्सी संभाल ली है.ग्रेग बार्कले की जगह लेने वाले 35 वर्षीय जय शाह आईसीसी के सबसे कम उम्र के चेयरमैन बन गए हैं. बार्कले ने 2020 में इस पद के लिए पहली बार नियुक्त होने के बाद तीसरा कार्यकाल नहीं लेने का फैसला किया था. उनके बाद जय शाह को इस पद के लिए चुना गया.
जय शाह अब शरद पवार, एन श्रीनिवासन, शशांक मनोहर और जगमोहन डालमिया जैसे भारतीय प्रशासकों की सूची में शामिल हो गए हैं. जय शाह ने 2009 में क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में अपनी यात्रा शुरू की थी. वह अहमदाबाद के केंद्रीय क्रिकेट बोर्ड के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गए थे. सितंबर 2013 में शाह ने गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (GCA) के संयुक्त सचिव बनने के बाद अहमदाबाद में प्रतिष्ठित नरेंद्र मोदी स्टेडियम के निर्माण में मदद की. 2015 में उन्होंने ने वित्त और विपणन समिति के सदस्य के रूप में BCCI में प्रवेश किया.
जय शाह की उपलब्धियां
- जय शाह का कद लगातार बढ़ता गया और 2019 में वे 31 साल की उम्र में बीसीसीआई के सबसे युवा सचिव बन गए.
- बीसीसीआई में उनकी भूमिका काफी अहम रही. उनके रहते हुए भारतीय क्रिकेट ने बड़े कदम उठाए और दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत की.
- बीसीसीआई सचिव के रूप में जह शाह की पहली बड़ी उपलब्धि नवंबर 2019 में कोलकाता के ईडन गार्डन में बांग्लादेश के खिलाफ भारत के पहले डे-टेस्ट मैच की मेजबानी करना था.
- 2020 और 2021 में जब दुनिया घातक कोविड-19 महामारी से जूझ रही थी, तब शाह ने यह सुनिश्चित किया कि आईपीएल का जलवा बरकरार है और विदेशी खिलाड़ी इसमें शामिल हो सकें.
- 2020 में संयुक्त अरब अमीरात ने आईपीएल की मेजबानी की, जबकि 2021 संस्करण के मैच भारत और यूएई में आयोजित किए गए थे.
- अक्टूबर 2022 में बीसीसीआई ने अपनी अनुबंधित महिला क्रिकेटरों के लिए एक वेतन समानता नीति लागू की. टेस्ट मैचों के लिए 15 लाख रुपये, वनडे मैचों के लिए 6 लाख रुपये और टी20 मैचों के लिए 3 लाख रुपये.
- वा पिछले साल शाह के सचिव रहते हुए महिला प्रीमियर लीग (WPL) का पहला सीजन भी हुआ था.
- उनके कार्यकाल के दौरान BCCI ने पांच साल के लिए 48,390 करोड़ रुपये का एक बड़ा मीडिया अधिकार सौदा भी किया. इसने प्रति मैच मूल्य के मामले में आईपीएल को दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान लीग बना दिया.