‘चुन चुन कर बदला लेंगे’… पहलगाम हमले के बाद अमित शाह की दहशतगर्दों को चेतावनी!

Amit Shah: पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि आतंकवादियों को यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्होंने युद्ध जीत लिया है. उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकियों द्वारा लड़ाई की शुरुआत नहीं है, बल्कि सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं चुन चुनकर जवाब मिलेगा और जवाब भी लिया जाएगा. किसी को बख्शा नहीं जाएगा. 90 के दशक से कश्मीर में चल रहे आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी है. कोई कायराना हरकत करके अगर कोई समझता है कि ये उसकी जीत है तो मैं बताना चाहता हूं कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. देश के इंच इंच जमीन से आतंक का खत्मा करके रहेंगे. जबतक आतंकवाद समाप्त नहीं होगा हमारी लड़ाई जारी है, जिसने भी ये कृत्य किया है उसको उचित दंड दिया जाएगा.
दिल्ली के एक प्रोग्राम में केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा, ‘आतंकवादियों को यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्होंने युद्ध जीत लिया है. यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. चुन चुन के बदला लेंगे.’ शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार देश से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पूरा होगा.
गृह मंत्री शाह ने आगे कहा, ‘अगर कोई कायरतापूर्ण हमला करके सोचता है कि यह उसकी बड़ी जीत है, तो एक बात समझ लीजिए, यह नरेंद्र मोदी सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. इस देश के हर इंच से आतंकवाद को उखाड़ फेंकना हमारा संकल्प है और यह पूरा होगा.’ उन्होंने कहा, ‘इस लड़ाई में न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है, दुनिया के सभी देश एक साथ आ गए हैं और आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के लोगों के साथ खड़े हैं.’
22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के खूबसूरत शहर पहलगाम के पास एक घास के मैदान में दहशतगर्दों ने टूरिस्ट्स पर कायराना तरीके से गोलीबारी की. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे और कई घायल हो गए. यह आतंकी हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शहीद हो गए थे.
भारत ने 23 अप्रैल को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई घोषणा की थी, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना तथा हमले के सीमापार संबंधों के मद्देनजर राजनयिक संबंधों को कम करना आदि शामिल था. सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीज़ा भी रद्द कर दिए.