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CG News: हसदेव के पेड़ों पर चलेगी अडानी की आरी, छत्तीसगढ़ सरकार ने दी कोल परियोजना की मंजूरी, तहस-नहस हो जाएगा जंगल

रायपुर। छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने अडानी की खनन परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह अनुमति ऑर्डर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे के तीन पहले यानी 25 नवंबर को दी गई। हसदेव के इस कोल ब्लॉक की मंजूरी से करीब 7 लाख पेड़ों की कटाई होगी। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल रामगढ़ पहाड़ी भी बारुद के ढेर पर आ गई है। हसदेव बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता अब कानूनी रास्ता तलाश रहे हैं। वहीं पर्यावरणविद इसे महाविनाश की शुरुवात बता रहे हैं।

हसदेव के पेड़ों पर अडानी की आरी 

छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल के पेड़ों पर एक बार फिर अडानी कंपनी की आरी चलने वाली है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 नवंबर 2025 को राजस्थान राज्य विद्युत निगम लिमिटेड को सरगुजा के केते एक्सटेंशन ओपन कास्ट कोल माइनिंग एंड पिट हेड कोल वाशरी प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसके लिए 1742.600 हेक्टेयर फॉरेस्ट लैंड दी गई है। इसका एमडीओ अडानी कंपनी के पास है। यानी राजस्थान को रोशन करने के लिए प्राणवायु का मुख्य स्त्रोत हसदेव के जंगल को उजाड़ा जाने वाला है। हसदेव बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता लंबे समय से इस कोल ब्लॉक के आवंटन को रोकने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।

कार्यकर्ता कहते हैं कि इस राजनीतिक दल और उसकी सत्ता को पूँजीपतियों के मुनाफे के आगे पर्यावरण, जंगल और आदिवासी अधिकार की कोई चिंता नहीं है। इस खनन परियोजना को स्वीकृति देकर हसदेव अरण्य के 1700 हेक्टेयर प्राकृतिक वन क्षेत्र के लगभग 7 लाख पेड़ों की कटाई के साथ ही ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल रामगढ़ पहाड़ के विनाश का भी रास्ता तय कर दिया । कांग्रेस सरकार ने इस खदान की स्वीकृति रोकी थी बीजेपी सरकार ने जारी कर दी ।

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