गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल जूनागढ़ से शुरू करेंगे राज्यव्यापी पदयात्रा, विधायक और मंत्री भी होंगे शामिल
Gujarat News Today: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल एकता मार्च के तहत रविवार को जूनागढ़ से राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू करेंगे।

गांधीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल एकता मार्च के तहत रविवार को जूनागढ़ से राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू करेंगे। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर एकता मार्च का आयोजन किया जाएगा और आत्मनिर्भर भारत की शपथ ली जाएगी। इस एकता मार्च का आयोजन राज्य सरकार के खेल, युवा और सांस्कृतिक गतिविधियाँ विभाग और जूनागढ़ जिला प्रशासन द्वारा किया गया है।
सीएम के साथ कई मंत्री और विधायक रहेंगे मौजूद
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार सुबह 7 बजे इस पदयात्रा का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर जूनागढ़ जिला प्रभारी, गुजरात के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रद्युम्नभाई वाजा, जिला सह-प्रभारी, विधि राज्य मंत्री श्री कौशिकभाई वेकारिया, जूनागढ़ के महापौर श्री धर्मेश पोशिया, विधायक और पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इस पदयात्रा में समाज के सभी वर्ग, महाविद्यालयीन विद्यार्थी, एनसीसी, एनएसएस, माई भारत स्वयंसेवक, सहकारिता, विभिन्न राजनीतिक दल, औद्योगिक संगठन, वाणिज्यिक संगठन, धार्मिक संगठन, स्थानीय संत, प्रभावशाली व्यक्ति, पूर्व सैनिक एवं उनके परिवार, खिलाड़ी, प्रगतिशील किसान, प्रबुद्ध नागरिक, श्रमिक, सामाजिक संगठन, स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के पदाधिकारी, स्वयं सहायता समूह तथा बड़ी संख्या में नागरिक भाग लेंगे और आत्मनिर्भर भारत की शपथ लेंगे।
इससे पहले 31 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के प्रतिभागियों को एकता की शपथ दिलाई थी। प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के नर्मदा जिले में एकता नगर के निकट पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा पर पहुंचे और भारत के लौह पुरुष को पुष्पांजलि अर्पित की।
9 नवंबर, 1947 को जूनागढ़ को मिली थी स्वतंत्रता
गौरतलब है कि 9 नवंबर, 1947 को जूनागढ़ को नवाबी शासन से स्वतंत्रता मिली और भारत में विलय हुआ, जिसे जूनागढ़ मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरदार वल्लभभाई पटेल के महत्वपूर्ण योगदान के कारण जूनागढ़ के भारत में विलय के इस यादगार दिन पर, इस वर्ष एकता मार्च के तहत पदयात्रा का आयोजन विशेष महत्व रखता है।




