स्टाइलिंग फैशन का हिस्सा है. हर कोई खूबसूरत ड्रेस पहनकर तारीफ पाना चाहता है. सर्दी के मौसम में अक्सर ब्लैक, ब्लू, ब्राउन, कैमल, ग्रे जैसे डार्क कलर पहने जाते हैं. ऐसे में पहले ही ठंड में चारों तरफ अजीब सी खामोशी और अंधेरा होता है और यह डार्क कलर मूड को निगेटिव कर देते हैं. रंगों का मूड से गहरा कनेक्शन है. इंसान जिस रंग के कपड़े पहनता है, उसका मूड उसी रंग के हिसाब से बदल जाता है. सर्दियों में मूड अच्छा रहे इसके लिए सही ड्रेस को चुनना जरूरी है. इसमें ड्रेस का टाइप, कलर और फैब्रिक आता है.
साइकोलॉजिस्ट मुस्कान कहती हैं कि रंगों का दिमाग पर बहुत गहरा असर पड़ता है. हमारे आसपास ढेरों रंग है और व्यक्ति जिस रंग को सबसे ज्यादा देखता है या पहनता है, उसका असर दिमाग पर होता है. जैसे लाल एनर्जी को दिखाता है. लाल रंग पहनते ही व्यक्ति खुद को ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करता है. इसी तरह पीला और संतरी रंग ऊर्जा के साथ खुशी देता है, नीला रंग दिमाग को शांत रखता है. हरा रंग प्रकृति से जुड़ा रंग है जो तनाव को दूर करता है. दरअसल जब आंखों से देखे गए रंग दिमाग तक सिग्नल के रूप में पहुंचते हैं तो इसका असर पिट्यूटरी ग्लैंड पर होता है जो बॉडी टेंपरेचर, एनर्जी लेवल, मेटाबॉलिज्म और नींद को रेगुलेट करता है. रंग दिमाग में विजुअल मेमोरी को बढ़ाते हैं और इमोशन को बदल देते हैं.
साइकोलॉजी टूडे में एक रिपोर्ट छपी. इसके अनुसार सर्दी के मौसम में कनाडा में 15%, ब्रिटेन में 20% और अमेरिका में 10% तक लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. इसे SAD यानी सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर कहा जाता है. चारों तरफ बर्फ, कम रोशनी और काले, नीले या ग्रे रंग के कपड़े देख व्यक्ति उदास रहने लगता है. महिलाओं को इस मौसम में डिप्रेशन पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है. ऐसे में इस मौसम में डोपामाइन फैशन करना चाहिए यानी ब्राइट कलर पहनने चाहिए. ब्राइट कलर को इमोशनल विटामिन कहा गया है. इससे बॉडी में हैप्पी हार्मोन यानी डोपामाइन को लेवल बढ़ता है जिससे मूड खुश होने लगता है.