जन आक्रोश यात्रा में कांग्रेस की गुटबाजी हावी, गाली गलौज के साथ कांग्रेसी एक दूसरे पर चला रहे लाठी
भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है और इसके जवाब में कांग्रेस जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है। लेकिन कांग्रेस की आपसी गुटबाजी की वजह से उनकी जन आक्रोश यात्रा ‘कलह यात्रा’ बनकर रह गई है। भाजपा के खिलाफ आक्रोश निकालने की जगह कांग्रेस नेताओं के समर्थक एक दूसरे के खिलाफ ही आक्रोश निकाल रहे हैं। ये आक्रोश गाली गलौज से लेकर लाठी डंडों तक पहुंच गया है। यहाँ तक कि अब जन आक्रोश यात्रा में खुलेआम असलहे लहराए जा रहे हैं।
जन आक्रोश यात्रा में हिंसा का पहला मामला
पहला वाक्या पवई विधानसभा का है, जहां गुरुवार को पूर्व पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव की जनआक्रोश यात्रा पहुंची थी। यात्रा में बुंदेलखंड के जन आक्रोश यात्रा के सह प्रभारी मुकेश नायक भी शामिल थे। जहां क्षेत्रीय कांग्रेस संघर्ष समिति के सदस्यों ने अरुण यादव के सामने मुकेश नायक मुर्दाबाद, मुकेश नायक भगाओ, पवई बचाओ जैसे नारे लगाना शुरु कर दिया। कुछ ही देर में मुकेश नायक समर्थक भी नारेबाजी करने लगे। देखते ही देखते ये नारेबाजी गाली गलौज से होते हुए लाठी डंडों से मारपीट में परिवर्तित हो गई। दोनों पक्षों में जमकर कर लाठी चली, जिसमें कुछ कार्यकर्ताओं के घायल होने की बात कही जा रही है। हालांकि, इस दौरान वहां पुलिस मौजूद थी और उनके बीच बचाव के बाद मामले को संभाला जा सका। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अरुण यादव की जनआक्रोश यात्रा को फेल करने के लिए कमनलाथ गुट के कांग्रेसियों ने यात्रा में बवाल किया
जन आक्रोश यात्रा में हिंसा का दूसरा मामला
दूसरा वाक्या बुरहानपुर के इकबाल चौक का है। जहां कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के नेतृत्व में जनआक्रोश यात्रा के तहत जनसभा का आयोजन था। यात्रा में विक्रांत भूरिया कैलाश कुंडल, कांग्रेस नेता संजय दत्त सहित अन्य नेता शामिल थे। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने नेताओं के पक्ष में शक्ति प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। शक्ति प्रदर्शन के दौरान कई कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में धक्का मुक्की भी करने लगे। किसी तरह पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कांग्रेसियों को शांत कराया। शक्ति प्रदर्शन से नाराज कांग्रेस अल्पसंख्यक नेता फरीद काजी ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष रिंकू टांक को मंच पर जमकर खरी खोटी सुनाई। इतना ही नहीं जनसभा में अल्पसंख्यक वर्ग की उपेक्षा का आरोप भी लगाया।अल्पसंख्यक नेताओं ने पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से सवाल करते हुए कहा, अल्पसंख्यक केवल वोट बैंक है क्या उन्हें बोलने का हक नहीं है, हमारे बीच आए हो तो अल्पसंख्यकों की बात करना चाहिए।